एनबीएफसी की एमएसएमईं के कर्ज की पुनर्गठन योजना को मार्च, 2022 तक बढ़ाने की मांग

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Published on : 19 Apr, 21 07:04

एनबीएफसी की एमएसएमईं के कर्ज की पुनर्गठन योजना को मार्च, 2022 तक बढ़ाने की मांग

मुंबईं,  गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने भारतीय रिजर्व बैक से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपामों (एमएसएमईं) के त्रण की एकबारगी पुनर्गठन योजना को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाने का आग्रह किया है। एनबीएफसी का कहना है कि एमएसएमईं क्षेत्र अभी तक अपने कारोबार को उबार नहीं सका है। पिछले साल फरवरी में रिजर्व बैंकने एमएसएमईं के मौजूदा अग्रिम के एकबारगी पुनर्गठन की मंजूरी दी थी। उन्हीं एमएसएमईं के ठ्ठण का पुनर्गठन किया जाना था, जिनका ठ्ठण मानक है। इस योजना के ाियान्वयन की समयसीमा 31 दिसंबर, 2020 तक थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास को हाल में लिखे पत्र में एनबीएफसी के संगठन वित्त उदृाोग विकास परिषद (एफआईंडीसी) ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से एमएसएमईं क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां रफ्तार नहीं पकड़ पाईं हैं, ऐसे में उन्हें ठ्ठणदाताओं के समर्थन की जरूरत है। फआईंडीसी ने लिखा है कि एमएसएमईं और ठ्ठणदाताओं के समक्ष चुनौतियों के मद्देनजर यदि रिजर्व बैंक पुनर्गठन योजना को कम से कम 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाता है, तो इससे सबको राहत मिलेगी।


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