कैलाश त्रिवेदीजी की तरह मैं भी सहाड़ा की जनता के सुख-दुःख में साथ खड़ी रहूंगी

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Published on : 12 Apr, 21 06:04

साक्षात्कार-  सहाड़ा कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती गायत्रीदेवी त्रिवेदी

कैलाश त्रिवेदीजी की तरह मैं भी सहाड़ा की जनता के सुख-दुःख में साथ खड़ी रहूंगी

सहाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती गायत्रीदेवी त्रिवेदी से बातचीत
गरीब की गणेश मानकर होगी सेवा, हर वर्ग के सपने होंगे साकार

 सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस ने तीन बार विधायक निर्वाचित हुए दिवंगत कैलाश त्रिवेदी की जीवनसंगिनी श्रीमती गायत्रीदेवी त्रिवेदी को अपना प्रत्याशी बनाया है। श्रीमती त्रिवेदी रायपुर पंचायत समिति की प्रधान रहने के साथ राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय है। लोगों से सीधा जुड़ाव रखना उनकी कार्यशैली का अभिन्न अंग है। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू किए गए जनकल्याणकारी कार्यो का लाभ वे घर-घर तक पहुंचा रही है।  त्रिवेदी किन मुद्दों पर चुनाव लड़ने जा रही है और जीतने पर क्षेत्र के विकास के लिए उनकी क्या योजना है जैसे विषयों पर उनसे मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा कई बार विस्तार से बात की गई है।  प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।
प्र. आप किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे है और मतदाता आपको क्यों वोट दे।
उ. सहाड़ा का विकास और जनता की सेवा ही मेरा प्रमुख मुद्दा है। स्वर्गीय श्री कैलाशजी त्रिवेदी के जो सपने अधूरे रह गए है मैं उनको पूरा करना चाहती हूं। नर सेवा ही नारायण सेवा मानकर मेरी सहाड़ा की जनता जिन्होंने मेरे स्वर्गीय श्री कैलाशजी त्रिवेदी को ओर मेरे पूरे परिवार को जो मान सम्मान दिया है, उस प्रेम और स्नेह के कर्ज को मैं वापस सेवा के माध्यम से उतारना चाहती हूं। सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र का विकास ही मेरा प्रथम व अंतिम लक्ष्य है।
स. सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से आपके संबंध परिवार वाले क्यों माने जाते है।
उ. सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता से हमारे भावनात्मक संबंध रहे है। सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता को हमने हमारा परिवार समझा है और प्रत्येक नागरिक हमारे परिवार का सदस्य है। स्वर्गीय त्रिवेदी साहब ने सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए जितना वे कर पाए किया और सेवा व विकास के माध्यम से ही त्रिवेदी साहब जनता के लाड़ले बने। इसी का परिणाम रहा कि स्वर्गीय श्री त्रिवेदी साहब तीन बार विधायक चुने गए परंतु काल के क्रूर हाथों ने कैलाश त्रिवेदी को हमसे छीन लिया। मैं उनके अधुरे कार्य पूर्ण करने के लिए संकल्पित हूं। इसलिए मैं चाहती हूं कि जनता विकास के पहियों को रूकने नहीं दे और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करे।

स. चुनाव बाद विकास की दृष्टि से आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी।
उ. आदरणीय त्रिवेदी साहब के देहांत उपरांत जो सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विकास के पहिये रूक गए है मेरी प्राथमिकता उनको गति देने की रहेगी। शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सड़क सहित जिस क्षेत्र में भी काम की आवश्यकता है वहां अधिक से अधिक काम करूंगी। सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाकों में चंबल के पानी की सख्त आवश्यकता है और मैं संकल्पित हूं कि मेरे कार्यकाल में उस क्षेत्र में वहां पानी पहुंचाने का में काम पूर्ण करवा सकूं।

स. स्व. त्रिवेदी साहब की क्षेत्र के विकास के प्रति क्या सोच रही थी।
उ. स्वर्गीय त्रिवेदीजी ने हम सब को विकास की एक नई दिशा प्रदान की है। उनका सोच हमेशा यहीं रहा कि किस प्रकार से मैं हमारे आने वाली पीढ़ी को अधिक से अधिक सुविधाएं दे सकूं ताकि हमारे सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के जो बच्चें शिक्षा प्राप्त कर रहे है उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले। चिकित्सा क्षेत्र में अच्छी सुविधाएं मिले। बड़े अस्पतालों की यहां कमी है तो किस प्रकार से हम उस कमी को पूरी कर सके। यह सब काम जो त्रिवेदी साहब ने करवाए है और जो सड़कों का जाल बिछवाया है वह अद्भुत है। उनके कराए कार्यों को लोग कभी नहीं भूला सकते।
प्र. लादूलाल पितलिया के चुनाव नहीं लड़ने से क्या आपको लाभ होगा।
उ. पितलियाजी के चुनाव लड़ने और नहीं लड़ने से मेरे चुनाव पर कोई असर नहीं है। मेरा सिर्फ एक ही मकसद है कि में किस प्रकार से सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सेवा करते हुए विकास कार्यों को अंजाम दे सकूं और राजनीति करना मेरा मकसद नहीं है। यह सर्वविदित है कि पितलियाजी पर किस प्रकार से भाजपा ने दबाव बनाया और कैसे उनका नामांकन उठवाया गया। पितलियाजी ने मुख्यमंत्रीजी को पत्र लिख सुरक्षा मांगी। मैने उनके ऑडियो सुने उसके बाद में किस प्रकार उन्हें पुनः दबाव में लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर बुलाया गया और उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाया गया। मैं समझती हूं ये सब लोकतंत्र को कमजोर करने की तरफ बढ़ते हुए कदम है। हम लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में विश्वास रखते है ओर ऐसा करने से पूरे राष्ट्र में एक अच्छा संदेश नहीं जाता है। चुनाव लड़ना सबका अधिकार है। किसी भी दल को ऐसा नहीं करना चाहिए विशेष तौर से जब राष्ट्रीय दल हो और केन्द्र में सरकार हो ऐसा करने से एक अच्छा उदाहरण वहां पेश नहीं कर रहे है।


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