मांगी थी 8 हजार की रिश्वत, तहसील का कानूनगों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ट्रेप

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Published on : 07 Apr, 21 09:04

के डी अब्बासी

मांगी थी 8 हजार की रिश्वत, तहसील का कानूनगों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ट्रेप

कोटा । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का घूसखोरों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। कोटा में एसीबी की टीम ने आज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित तहसील में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी की टीम ने टीम ने तहसील में एक कानूनगो व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 8 हजार की रिश्वत लेते दबोचा है। आरोपी कानूनगों योगेंद्र सिंह चौहान ने परिवादी का जमीन इंतकाल कैंसिल करने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की थी। और परिवादी को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बाबूलाल से मिलने को कहा था। परिवादी ने योगेंद्र के कहे अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिश्वत की राशि 8 हजार रुपये दी। जिसके बाद एसीबी ने दोनों को पकड़ लिया। एसीबी की कार्रवाई से जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस में हड़कंप मच गया

योगेंद्र चौहान व बाबूलाल ने जमीन इंतकाल निरस्त कर अन्य व्यक्ति के नाम पर इंतकाल खोलने की धमकी दी। और 10 हजार की रिश्वत मांगी

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया परिवादी मोहम्मद रिजवान निवासी घोसी मोहल्ला किशोरपुरा ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि धाकड़खेड़ी गांव में उसके नाना की 5 बीघा पुश्तैनी जमीन है।नाना की मौत हो गई है। जमीन का इंतकाल खुलवाने पर उसकी मां चांदबीबी, मौसी व मामा के नाम आ गए। इसके बाद तहसील से कानूनगों योगेंद्र चौहान ने फोन करके बाबूलाल से मिलने के लिए कहा। योगेंद्र ने कहा कि तुमने बिना खर्चा किए ही इंतकाल खुलवा लिया है। अगर तुम हमसे आकर नहीं मिले, तो तुम्हारा इंतकाल कैंसिल करवा दूंगा।दोनों अधिकारी-कर्मचारियों ने मुझे डरा धमका कर मुझसे रिश्वत मांगी।
शिकायत पर एसीबी में सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान योगेंद्र चौहान व बाबूलाल ने जमीन इंतकाल निरस्त कर अन्य व्यक्ति के नाम पर इंतकाल खोलने की धमकी दी। और 10 हजार की रिश्वत मांगी। जिस पर एसीबी ने ट्रेप कार्रवाई का आयोजन किया। परिवादी ने बाबूलाल को रिश्वत की राशि 8 हजार रुपये दी। रिश्वत लेते ही एसीबी ने बाबूलाल को दबोच लिया। साथ ही कानूनगो योगेंद्र चौहान को भी पकड़ा। फिलहाल एसीबी की टीम दोनों से पूछताछ में जुटी है।


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