शिवराजपुर बीच: भारत का अतुल्य समुद्री पर्यटन स्थल

( 20951 बार पढ़ी गयी)
Published on : 30 Mar, 21 11:03

नीलेश शुक्ला

शिवराजपुर बीच: भारत का अतुल्य समुद्री पर्यटन स्थल

समुद्र तट का अपना अलग ही अनुभव होता है जो कभी फ़ीका नहीं होता। नरम रेत और किनारों से टकराती तरंगे देखकर हम कुछ पल के लिए अपनी सारी चिंताएं और कठिनाइयां भूलकर जीवन को नए नज़रिए से देखने लगते हैं। गुजरात में ग्रीष्म ऋतु की गर्मी बहुत तेज़ होती है लेकिन सुबह और शाम के वक्त समंदर किनारे टहलने से शरीर में अपार ऊर्जा का संचार होता है। सर्दियों की सौम्य धूप में गुजरात के समुद्र तट की यात्रा का मतलब है अच्छा खाना, ढलता सूरत और मखमली रेत।
भारत में 1 सितंबर से 31 मई तक पर्यटकों के लिए समुद्र तट पसंदीदा डेस्टिनेशन हैं। गोवा, अंडमान-निकोबार और भारत के दक्षिणी हिस्से के कुछ समुद्र तट बेहद लोकप्रिय हैं। आज मैं आपको एक ऐसे ही समंदर से रूबरू कराना चाहता हूं जिसका नाम है ‘शिवराजपुर’। हाल ही में शिवराजपुर बीच का पदार्पण हुआ है। द्वारका के पास स्थित इस बीच को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यह मन को शांत करने वाली ऐसी जगह है जहां ना कोई शोर सराबा है और ना ही कोई प्रदूषित हवा। गुजरात सरकार ने निर्णय किया है कि इसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा।  
शिवराजपुर बीच देवभूमि द्वारका जिले में अरब सागर पर शिवराजपुर गांव के पास स्थित है। हाल ही में इसे ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है। यह सर्टिफिकेट उन बीच को दिया जाता है जो साफ-सुथरे और स्वच्छ होते हैं। ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक इको लेबल अवॉर्ड है, जो समुद्र तटों, मरीना बीच और सस्टेनेबल बोटिंग टूरिज्म ऑपरेटर्स को दिया जाता है।
ब्लू फ्लैग की मान्यता प्राप्त करने के लिए कई कड़े पर्यावरणीय, सुरक्षा और संबंधित मानदंडों का पालन करना पड़ता है। ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने के लिए कुल 33 मानक तय किए गए हैं जो बेहद कड़े हैं। इन मानकों को पूरा करने के बाद कड़ी जांच-परख के बाद ही ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट दिया जाता है। शिवराजपुर बीच से गुजरात के पर्यटन को बढ़ावा मिला है। शिवराजपुर को मिलाकर भारत के 8 समुद्र तट हैं जिन्हें ‘ब्लू फ्लैग बीच’स्टेटस से सम्मानित किया गया है।
ब्लू प्लैग सर्टिफिकेट पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंटल एजुकेशन देती है जो डेनमार्क में स्थित है।
शिवराजपुर बीच से द्वारका सिर्फ 13 किमी दूर है जबकि लाइटहाउस फेम का ओखा करीब 23 किमी दूर स्थित है। द्वारका-ओखा हाइवे पर स्थित गुजरात के इस प्रसिद्ध बीच की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है। यह समुद्री किनारा शिवराजपुर गांव तक फैला है जो लाइटहाउस और पथरीले समुद्री तट के बीच में है। यहां प्रकृति के अनूठे सौंदर्य का नज़ारा बिखरा हुआ है।
अरब सागर से आती लहरों की शांत आवाज़ और एकांत की खोज में निकले मखमखली रेत पर नक्शा बनाते पैरों के निशान बतलाते हैं कि किसी मिथक की तुलना से अधिक यह एक वास्तविकता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी जगमगाती हुई नगरी के निर्माण के लिए इन तटों को चुना। गुजरात सरकार पहले चरण में 20 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है। 150-200 करोड़ रुपए की नई अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पाइपलाइन में है। गुजरात सरकार में पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती ममता वर्मा ने पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य सरकार की योजना से अवगत कराया। यहां बीच किनारे इको-फ्रेंडली सुविधाएं, कॉटेज बनाए जाएंगे। राज्य सरकार का पर्यटन विभाग यहां मरीन स्पोर्ट्स फैसिलिटी बनाने की योजना बना रहा है।
 
द्वारका हर तरह के पर्यटक के लिए उपयुक्त स्थान है। यहां ठहरने के लिए आपको लग्ज़री और बजट, दोनों तरह की होटल आसानी से मिल जाएंगे। दिल्ली और मुंबई से राजकोट का हवाई संपर्क भी है। राजकोट पहुंचने के बाद द्वारका तक की सड़क यात्रा केवल 5 घंटे की है। इस हाइवे पर आपको कई सुंदर समुद्री किनारे देखने को मिलेंगे। द्वारका देश के कई हिस्सों से रेल नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है। वे पर्यटन जो घूमने के लिए नई जगह तलाश रहे हैं उनके लिए शिवराजपुर बीच से बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती। आसपास के इलाकों में द्वारका, पोरबंदर, सोमनाथ, सासन गीर, दीव हैं जो आपकी यात्रा को ऐतिहासिक, सांस्कृति और वन्यजीव अनुभवों से जोड़ेगी। "काठियावाड़" नामक इस क्षेत्र का व्यंजन और आतिथ्य भी अद्भुत है।
कुल मिलाकर शिवराजपुर दुनिया के किसी भी समुद्र तट को टक्कर देने में सक्षम है। यहां की ख़ूबसूरती अतुल्य है। निकट भविष्य में यहां विकसित होने वाली सुविधाओं से यह अविश्वसनीय समुद्री पर्यटन स्थल के रूप में वैश्विक पहचान हासिल करेगा।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.