कविता होली के तरंग 

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Published on : 25 Mar, 21 10:03

-लक्ष्मीनारायण खत्री

कविता होली के तरंग 

होली 

के रंग 

सजे गोरी तेरे संग 

होली 

की गाऊँ मैं फाग 

साथ तेरी हो राग 

होली

का बजाऊ मैं चंग

साथ तेरी उमंग

होली

की गटकू भांग 

साथ तेरी तरंग 

होली 

के फागुन मे

मैं मग्न,

साथ तेरे योवन 

का अगन।

 


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