गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का एक और कीर्तिमान लक्ष्यराज सिंह मेवाड के नाम

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Published on : 28 Jan, 21 04:01

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का एक और कीर्तिमान लक्ष्यराज सिंह मेवाड के नाम

उदयपुर । अपने सेवा कर्म की बदौलत लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने चौथी बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का कीर्तिमान अपने नाम किया है। चौथे विश्व रिकॉर्ड में श्री मेवाड ने १२,५०८ स्वच्छता उत्पादों को एक घंटे में दानकर यह अनोखा रिकॉर्ड ’’गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड‘‘ में दर्ज करवाया। यह अपने आप में ऐसा एक मात्र रिकॉर्ड है।

इस चौथे वर्ल्ड रिकॉर्ड के तहत आपने संस्थानों के लिए टूथपेस्ट, टूथब्रष, साबुन, हेंड सेनेटाइजर, टिषु एवं टॉयलेट पेपर के साथ ही बच्चियों के लिए पर्यावरणीय स्वच्छता उत्पाद वाले सेनेट्री पेड आदि सम्मिलित रहे।

लक्ष्यराज सिंह मेवाड इससे पूर्व भी तीन बार विश्व रिकॉर्ड बना चुके है। आप मानव सेवा का संकल्प ले प्रथम बार मार्च २०१९ में जरूरत मंदों को वस्त्रदान के तहत ३,२९,२५० लाख कपडे दान कर रिकॉर्ड बनाया। मेवाड द्वारा जमा किये गये कपडो में भारत ने ही नहीं श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, यू.ए.ई., यू.एस. आदि देशों ने वस्त्रदान अभियान में भाग लिया था। इससे पूर्व यह रिकॉर्ड दुबई के नाम था जिसमें २,९५,१२२ वस्त्रदान किये गये।

सेवा कर्म को आगे बढाते हुए मेवाड ने विद्यादान के संकल्प को पूर्ण करते हुए मात्र २४ घण्टे में २० टन से ज्यादा षिक्षण सामग्री को जरूरतमंद विद्यार्थियों के उपयोगार्थ वितरित की। इससे पूर्व यह रिकॉर्ड सूरत की मानव उत्थान सेवा समिति के नाम था।

आपने तीसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में पर्यावरण का संदेश देते हुए जनवरी २०२० में विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों व उदयपुर वासियों के साथ मात्र २० सैकण्ड से भी कम समय में ४०३५ पौधे लगाकर ६० सैकंड में २ हजार पौधे रोपने के रिकॉर्ड को तोडते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और पर्यावरण प्रेम का संदेश बच्चों को दिया।

मेवाड चेरिटेबल ट्रस्टों के माध्यम से भी कई सेवा कार्यों को करते रहे है। अपने सेवा कार्यों व कई जन सहायक गतिविधियों के कारण आप अनेक सम्मानों से समय-समय पर नवाजे जाते रहे हैं, जिनमें ब्रिटिष पार्लियामेंट द्वारा प्रदत्त ’भारत गौरव सम्मान‘ तथा  हालही में आपको राज्यपाल महोदय कलराज जी मिश्र द्वारा समाजसेवा के सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है।

लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने अपने चौथे विष्व रिकॉर्ड पर बताया कि ’मैं  नहीं चाहता की ये रिकॉर्ड्स हमेषा कायम रहे। मैं चाहता हूँ जल्द से जल्द ये सारे रिकॉर्ड टूटे और मानव सेवियों के माध्यम से सेवा कार्य को और अधिक बल मिल सके।‘

 


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