खादी मेले की बिक्री 92 लाख पंहुची,मेलार्थियों को लुभा रहे हर्बल उत्पाद

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Published on : 22 Jan, 21 13:01

खादी मेले की बिक्री 92 लाख पंहुची,मेलार्थियों को लुभा रहे हर्बल उत्पाद

उदयपुर नगर निगम के टाउन हॉल प्रांगण में चल रहे राज्यस्तरीय खादी ग्रामोद्योग मेले में जनता के बढ़़ते रूझान के चलते अब तक मेले की बिक्री 92 लाख पंहुच गयी। इससे व्यापारियों में उत्साह का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा खादी वस्त्रों के साथ ही हर्बल उत्पाद मेलार्थी की पहली पसन्द बनें हुए है।
मेले के आयोजक रामजीलाल वर्मा ने बताया कि मेला अब समापन की ओर अग्रसर है लेकिन जनता के रूझान मंे कहीं कमी देखने को नहीं मिल रही है। इसके चलते मेले की बिक्री में दिनों दिन बढ़ोतरी हो रही है। मेले में हर तरह के उत्पादों की बिक्री हो रही है।
खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान मुरलीपुरा जयपुर से आए मंत्री शंकर लाल वर्मा एवं हेमराज कुमावत ने बताया कि कोरोनाकाल के कारण खादी व्यापार पर अन्य व्यापार की तरह काफी प्रभाव पड़ा था। ऐसे में उदयपुर में राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का लगना खादी व्यापार को जीवन दान देने जैसा है।
उन्होंने बताया कि वह इस खादी ग्रामोद्योग मेले में पिछले 20 सालों से आ रहे हैं। हमेशा ही उन्हें उदयपुर वासियों का प्यार मिला है और कोरोना काल के बावजूद इस बार भी उन्हें यह प्यार मिल रहा है। उनके पास जयपुरी बेडशीट सांगानेरी प्रिंट, कोट, जैकेट, सूती, ऊनी, पोली, खादी उपलब्ध है जो हमेशा की तरह उदयपुर वासियों की आज भी पसंद बने हुए हैं उनके पास कई हर्बल प्रोडक्ट भी हैं जिनमें गिलोई, मुलेठी, दालचीनी, करेला कोचनी, भृंगराज, तुलसी पाउडर आंवला,  अरेठा, शिकाकाई भी उपलब्ध है जिन्हंे लोग काफी पसन्द कर रहे हैं। ये प्रोडक्ट स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होते है।
उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान गिलोई और मुलेठी की अच्छी डिमांड रही थी क्योंकि यह दोनों ही हर्बल प्रोडक्ट सर्दी जुखाम, बुखार और खांसी  जैसी बीमारियों में दवा के रूप में राहत देने का काम करते हैं। इस बार कोरोनाकाल को देखते हुए मेले में कोरोना गाइडलाइन  का पूर्णतया पालन किया जा रहा है। सभी से मास्क लगाने की अपील भी लगातार कार्यालय से की जा रही है। ज्यादा भीड़ ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का भी बराबर ध्यान रखा जा रहा है।

 


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