डॉ. हर्ष वर्धन ने वैक्सीन को लेकर संदेह और दुष्प्रचार को दूर करने के लिए आईईसी कैम्पेन शुरू किया

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Published on : 22 Jan, 21 03:01

-नीति गोपेन्द्र भट्ट

डॉ. हर्ष वर्धन ने वैक्सीन को लेकर संदेह और दुष्प्रचार को दूर करने के लिए आईईसी कैम्पेन शुरू किया

नई दिल्ली |  केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने देश में एक वर्ग में वैक्सीन को लेकर संदेह के उभरते मुद्दे के समाधान के लिए आज आईईसी पोस्टर जारी किए। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ. वी.के. पॉल उपस्थित रहे।

विश्व में कोविड-19 के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का 16 जनवरी, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुभारंभ किया था।

21 जनवरी, 2021 को सुबह सात बजे तक आठ लाख से अधिक हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दे दी गई थी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी को विश्व में अधिकतम जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान के देश भारत की उपलब्धियों का स्मरण कराया। उन्होंने कहा, “भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिसने कोविड-19 की गति पर लगाम लगाई और साथ ही कोविड के वैक्सीन का विकास किया। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व का धन्यवाद, जिन्होंने महामारी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए स्वयं सभी संबंधित मुद्दों पर ध्यान दिया।” आज देश देख रहा है कि सक्रिय मामलों में तेजी से गिरावट हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कल लगभग 15 हजार नये मामले सामने आए।

महामारी के उन्मूलन में टीकाकरण की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “पोलियो और चेचक का उन्मूलन विशाल स्तर के टीकाकरण के कारण संभव हुआ था। एक बार टीका लगने से यह नहीं कहा जा सकता कि किसी व्यक्ति को फिर रोग अपना शिकार नहीं बनाएगा और वह बातचीत करते हुए किसी अन्य को इस रोग का फैलाव नहीं कर सकेगा। इंद्रधनुष मिशन के अंतर्गत महिलाओं और शिशुओं को 12 रोगों से बचाव के लिए व्यापक टीकाकरण का तर्क भी यही था। कोविड के खिलाफ वैक्सीन भी इसी तरह लोगों में कुछ समय बाद रोग के फैलाव में उन्हें अक्षम बनाने और रोग के उन्मूलन की क्षमता विकसित करेगा।”

डॉ. हर्ष वर्धन ने सभी से असत्य और दुष्प्रचार के निहित स्वार्थ के अभियान का मुकाबला करने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा, “आइये हम निराधार दुष्प्रचार पर पूर्ण विराम लगाएं।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सही सूचना विश्वसनीय और पुष्ट स्रोतों जैसे कि स्वास्थ्य मंत्रालय, पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, माइ गोव वेबसाइट आदि से प्राप्त करें। उन्होंने फिर कहा, “सत्य शक्तिशाली है और सदैव विद्यमान रहता है।” उन्होंने सभी को सत्य के नेक चक्र के विस्तार के लिए आईईसी पोस्टरों को साझा करने को प्रोत्साहित किया।

वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता को लेकर उन्होंने कहा, “जानेमाने अस्पतालों के सभी प्रमुख डॉक्टरों ने वैक्सीन लगवाई और इसके वांछित परिणाम से संतुष्ट होकर इसकी प्रशंसा की। केवल कुछ मुट्ठी भर निहित राजनीतिक स्वार्थ के लोग ही अफवाह फैलाने के इच्छुक हैं और वे ऐसे दुष्प्रचार के छलावे में आने वाले लोगों में वैक्सीन को लेकर संदेह की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। यह विरोधाभास है कि विश्व भर के देश भारत से वैक्सीन की मांग कर रहे हैं, जबकि हमारे यहां एक वर्ग संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ के लिए दुष्प्रचार और भ्रम फैला रहा है।” उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी क्षेत्र के कई अन्य हेल्थ वर्कर के साथ प्रमुख डॉक्टरों ने कोविड-19 की वैक्सीन लगवाई और वे बिना किसी साइड इफेक्ट के तुरंत अपना काम करने लगे।

श्री अश्विनी कुमार चौबे ने वैक्सीनेशन अभियान को कोविड के खिलाफ अंतिम प्रहार बताया और कहा कि 16 जनवरी का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा, क्योंकि इस दिन महामारी के अंत की उलटी गिनती की शुरुआत हुई। उन्होंने सभी से अपील की कि वे झूठ के अभियान पर यकीन न करें, लेकिन सही सूचना साझा करके सभी की मदद करें।

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, अतिरिक्त सचिव सुश्री वंदना गुरनानी और श्री मनोहर अगनानी, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुनील कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, निदेशक एम्स डॉ. रणदीप गुलेरिया, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एन.एन. माथुर, सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.वी. आर्य, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राणा ए.के. सिंह और बीएमजीएफ, यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विकास भागीदार वर्चुअल रूप से समारोह में उपस्थित रहे।


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