एमपीयूएटी का इण्डो-यूएस बायोटेक कम्पनी के साथ करार

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Published on : 16 Jan, 21 13:01

मक्का बीज उत्पादन हेतु एमपीयूएटी का इण्डो-यूएस बायोटेक कम्पनी के साथ करार

एमपीयूएटी का इण्डो-यूएस बायोटेक कम्पनी के साथ करार

किसानों तक मक्का के गुणवता बीजों को पहुचाने के लिए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने देश की अग्रणी बीज उत्पादन कम्पनी इण्डो-यूएस बायोटेक, अहमदाबाद के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की संकर किस्म ”प्रताप संकर मक्का-3” का कम्पनी द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पादन कर इसे किसानों तक पहुचाने का काम किया जायेगा। इसके लिए इस किस्म का प्रजनक बीज विश्वविद्यालय द्वारा कम्पनी को उपलब्ध कराया जायेगा।

इस समझौता पत्र पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ तथा इण्डो-यूएस बायोटेक के रिसर्च एडवाइजर डा. कल्याण सिंह शेखावत ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर डा. नरेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि प्राइवेट कम्पनी के साथ समझौते से विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई अधिक उपज देने वाली तथा गुणवततापूर्ण इस किस्म को अधिक से अधिक किसानों तक पहुचाया जा सकेगा जिससे किसानों को लाभ होगा। अनुसंधान के क्षेत्र में भी दोनों संस्थाए आपसी सहयोग से कार्य करेंगी जिससे विश्वविद्यालय के राजस्व अर्जन में भी वृद्धि होगी।

इण्डो-यूएस बायोटेक के रिसर्च एडवाइजर डा. कल्याण सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान में मक्का के गुणवŸाा बीजों की 2.5 लाख क्विंटल की आवश्यकता है तथा मक्का की बीज प्रतिस्थापन दन लगभग 50-55 प्रतिशत ही है। अतः इस समझौते द्वारा किसानों को अधिक गुणवŸाा वाले बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। सह निदेश अनुसंधान तथा मक्का की इस किस्म के प्रजनक, डा. आर. बी. दुबे ने बताया कि प्रताप हाइब्रिड मक्का-3 देश के जोन पाँच (राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़) के विकसित की गई है। यह किस्त 85-90दिनों में पककर तैयार हो जाती है तथा इसकी उत्पादन क्षमता 55-60क्विंटल प्रति हैक्टर है। इस किस्म का चारा पकने के बाद भी हरा रहता है तथा यह किस्त तना गलन रोग के प्रति प्रतिरोधी है।


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