मशरूम बीज एवं मशरूम उत्पादन इकाई का उद्घाटन

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Published on : 16 Jan, 21 13:01

मशरूम बीज एवं मशरूम उत्पादन इकाई का उद्घाटन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने राष्ट्रीय विकास योजना द्वारा प्रायोजित मशरूम बीज एवं मशरूम उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुलपति डाॅ. राठौड़ ने अपने उद्बोधन में मशरूम के पौष्टिक गुणों की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें उपलब्ध प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, अन्य खनिज लवण एवं सोडियम पोटेशियम का अनुपात इसे अति उपयुक्त खाद्य की श्रेणी में लाता है। उन्होने बताया की देश मे 75 करोड़ युवा है लेकीन कौशल विकास के हिसाब से मात्र 4 प्रतिशत युवा ही प्रशिक्षित हैकृषि मे 125 उप समूह है जिसमे जिसमे मशरूम फार्मिंग अक महत्वपूर्ण उधम है । आज के कोविड परिदृश्य को देखते हुए कहा कि इसमें विद्यमान सभी तत्व मशरूम को औषधीय गुण भी प्रदान करते है, जिससे न सिर्फ मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है, बल्कि अन्य रोगों में जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोगों एवं कैंसर जैसे भयानक रोगों में मशरूम का सेवन अत्यधिक गुणकारी है। साथ ही उन्होंने मशरूम को व्यावसायिक तौर पर अपनाने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे देश में कृषि आधारित उद्यम के रूप में मशरूम की खेती का व्यवसाय बडे पैमाने पर उभर रहा है, क्योंकि इसमें अधिक आमदनी है और इससे रोजगार भी मिल रहा है। देश मे पोष्टिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के हिसाब से मशरूम उत्पादन आज के समय की आवश्यकता है।

डाॅ. एस. के. शर्मा, निदेशक अनुसंधान ने कहा कि मशरूम को वृहद स्तर पर दैनिक आहार में सम्मिलित करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे की हमारा राष्ट्र मशरूम उत्पादन में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सके एवं राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र को मशरूम हब बनाने मे इस केंद्र का महत्वपूर्ण स्थान होगा।

डाॅ. दिलीप सिंह, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने मशरूम उत्पादन को स्टार्टअप के रूप में अपनाने के लिए प्रशिक्षार्थियों को प्रेरित किया।

डाॅ. एस. एस. शर्मा, प्रभारी मशरूम परियोजना ने कहा कि मशरूम की मुख्य दो प्रजातियों बटन व ढिंगरी मशरूम के अतिरिक्त यह इकाई पोर्टबेला, किंग आॅयस्टर, मिल्की मशरूम, मैनोडर्मा एवं हैरोशियम प्रजातियों का उत्पादन करने में सक्षम है। इस इकाई द्वारा 3 टन मशरूम का उत्पादन एवं 3 टन मशरूम बीज उत्पादन किया जा सकता है। इकाई द्वारा मशरूम एवं इसके बीज न सिर्फ प्रदेश में इसके अलावा अन्य राज्यों में भी विक्रय किये जा सकेंगे।

कार्यक्रम में उच्च अधिकारी परिषद के सदस्य श्रीमती कविता पाठक, कुलसचिव, डाॅ. एस. एल. मूुदड़ा, प्रसार निदेशक, डाॅ. अजय कुमार शर्मा, अधिष्ठाता, सीटीएई, डाॅ. एस. आर. भाकर, डीआरआई, डाॅ. सुधीर जैन, एसडब्ल्यूओ, डाॅ. बी. के. शर्मा, अधिष्ठाता, मत्स्य महाविद्यालय, ई. आर. सी. मेहता, भू-सम्पति अधिकारी, डाॅ. अरविन्द वर्मा, सह-निदेशक अनुसंधान, डाॅ. रेखा व्यास, क्षैत्रीय निदेशक अनुसंधान तथा डाॅ. विरेन्द्र नेपालिया, विशेषाधिकारी आदि भी उपस्थित थे। डाॅ. अमित त्रिवेदी, विभागाध्यक्ष, पादप व्याधि विभाग ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।


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