GMCH. ह्रदय रोग विभाग एवं कैंसर विभाग के संयुक्त प्रयासों से मिला रोगी को नया जीवन

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Published on : 15 Jan, 21 12:01

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के ह्रदय रोग विभाग एवं कैंसर विभाग के संयुक्त प्रयासों से मिला रोगी को नया जीवन

 GMCH. ह्रदय रोग विभाग एवं कैंसर विभाग के संयुक्त प्रयासों से मिला रोगी को नया जीवन

मानव शरीर की संरचना बहुत ख़ूबसूरती से की गयी है, परन्तु समय- समय पर कभी ना कभी कोई गंभीर बीमारी का प्रवेश जब शरीर में होता है तब सबसे ज़रूरी होता है एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा किया गया सही निरिक्षण एवं जांच| संपूर्ण सुविधाओं से लेस हॉस्पिटल एवं कुशल डॉक्टर्स के द्वारा मानव शरीर पर आने वाली बड़ी से बड़ी आपदा को सम्पूर्ण प्रयत्नों से रोकने की कोशिश की जाती है| गीतान्जली हॉस्पिटल सर्व सुविधाओं से लेस हॉस्पिटल है|

बाँसवाड़ा निवासी 40 वर्षीय रोगी राकेश कुमार (परिवर्तित नाम) का गीतांजली हॉस्पिटल के कैंसर विभाग एवं ह्रदय रोग विभाग के अथक प्रयासों से सफलतापूर्वक इलाज किया गया, रोगी का सफल इलाज करने वाली टीम में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.डैनी मंगलानी, कैंसर सर्जन डॉ. आशीष जाखेटिया, डॉ. अरुण पाण्डेय, एनेस्थेटिस्ट डॉ. नवीन पाटीदार, ओ.टी स्टाफ, आई.सी.यू स्टाफ, सी.सी.यू स्टाफ शामिल हैं|

डॉ. डैनी मंगलानी ने कहा कि रोगी का ह्रदय बहुत कमज़ोर था एवं पम्पिंग 20% काम कर रही थी,पिछले छः माह से रोगी का इलाज उनके द्वारा मेडिकल मैनेजमेंट द्वारा किया जा रहा था जिसमे कि सुधार देखा जा रहा था| रोगी के मुंह में कैंसर होने का पता चला जिसका इलाज कमांडो सर्जरी था इतनी बड़ी सर्जरी के दौरान ह्रदय की पम्पिंग का सिर्फ 20% चलना बहुत बड़ा रिस्क था | ऐसे में गीतांजली हॉस्पिटल जो कि स्पेशलिटी एवं टर्शरी सेंटर है में रोगी के ऑपरेशन के दौरान कैंसर सर्जन की टीम के साथ कार्डिक टीम द्वारा ह्रदय को पूर्ण रूप से ऑपरेशन के शुरू होने से ऑपरेशन होने के बाद तक नियंत्रित रखा गया|

डॉ. आशीष जाखेटिया ने बताया कि रोगी को मुंह में स्टेज- 2 व स्टेज- 3 के मध्य का कैंसर था जो कि बक्कल म्यूकोसा( गालों की परत और होठों के पीछे है, जहां वे दांतों को छूते हैं) को भी प्रभावित कर रहा था, में भी फैलने शुरू हो गया था और साथ ही हड्डियों का नष्ट होना भी शुरू हो गया था जिससे कैंसर सब जगह फ़ैल सकता था| रोगी की सारी परिस्थितियों को देखते हुए ट्यूमर बोर्ड में मेडिकल, रेडिएशन एवं सर्जरी टीम द्वारा रोगी की सर्जरी करने का फैसला लिया गया| डॉ. आशीष ने ये भी बताया कि रोगी के 5 घंटे तक चलने वाली कमांडो सर्जरी जिसमे ट्यूमर और नैक नोड्स को हटाया गया इसके दौरान या सर्जरी होने के बाद भी रोगी को हार्ट अटैक आना का रिस्क था, परन्तु डॉ. डैनी मंगलानी एवं डॉ. नवीन के द्वारा रोगी को ऑपरेशन के पहले से बाद तक रोगी को सुप्रभंदित रूप में रखा गया| रोगी के अच्छे स्वास्थ लाभ को देखते हुए ऑपरेशन के तीन दिन बाद रोगी को आई.सी.यू. से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया| रोगी के ऑपरेशन को तीन माह हो चुके है , रोगी अभी स्वस्थ है और मुंह के द्वारा भोजन कर रहे हैं साथ ही रोगी पेशे से अध्यापक है और स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं|

गीतांजली मेडिसिटी पिछले 14 वर्षों से निरन्तर मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में सेवाएं देकर विश्वसनीय चिकित्सा सेंटर बन चुका है, यहाँ एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हैं। गीतांजली हृदय रोग विभाग एवं कैंसर सेंटर की अनुभवी टीम द्वारा मरीज की समस्या के अनुरूप उपचार प्रक्रिया का निर्णय कर सर्वोत्तम इलाज मुहैया करवाना उत्कृष्टता का परिचायक है।

 


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