*डॉ. हर्ष वर्धन ने सागर अन्‍वेषिका तटीय अनुसंधान पोत राष्‍ट्र को समर्पित किया*

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Published on : 10 Jan, 21 12:01

-नीति गोपेंद्र भट्ट-

*डॉ. हर्ष वर्धन ने सागर अन्‍वेषिका तटीय अनुसंधान पोत राष्‍ट्र को समर्पित किया*

*वैज्ञानिकों को प्रधानमंत्री के आत्‍म निर्भर भारत के सपने को साकार करने  में सहयोग देने का आवाहन किया*

 

*केन्‍द्रीय मंत्री ने इंडियन फुट वेयर साइजिंग सिस्‍टम, फैशन पूर्वानुमान कार्ड और सीएलआरआई में महिलाओं के टो स्प्रिंग आरामदायक जूतों की शुरूआत की*

 

 

दिनांक 09 जनवरी, 2021

 

 

 

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज चेन्‍नई बंदरगाह पर सागर अन्‍वेषिका तटीय अनुसंधान पोत राष्‍ट्र को समर्पित किया । इस पोत में उन्‍नत वैज्ञानिक और नवीनतम नेवीगेशन उपकरण हैं जिनसे समुद्र और वातावरण के डेटा का संकलन किया जा सकेगा और भारत के आर्थिक क्षेत्र के भीतर तैनाती में यह सहायक सिद्ध होगा ।

 

इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत उन तीन राष्‍ट्रों में शामिल हो गया है जिन्‍होंने समुद्र की गहराई में संसाधनों का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित किया है । उन्‍होंने कहा कि  पोत को आज राष्‍ट्र को समर्पित किया गया और इसमें प्रौद्योगिकीय बुद्धिमत्‍ता है जिससे समुद्र के भीतर 3 किलो मीटर तक डेटा संकलन किया जा सकेगा ।  

 

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को विज्ञान का वर्ष कहा जा सकता है । उन्‍होंने कहा कि विश्‍व भर में समूचे वैज्ञानिक समुदाय ने मिलकर महामारी का मुकाबला किया है और बहुत कम अवधि में कोविड वैक्सीन  विकसित किया है जिसकी विश्‍व के विभिन्‍न भागों में शुरूआत कर दी गई है ।

 

केन्‍द्रीय मंत्री ने आज इंडियन फुटवेयर साइजिंग सिस्‍टम, सीएलआरआई के महिलाओं के लिए टो स्प्रिंग ब्रांड के आरामदायक जूते और फैशन पूर्वानुमान कार्ड सीएसआईआर-सीएलआरआई, चेन्‍नई में जारी किए ।

 

सीएसआईआर-सीएलआरआई में अपने संबोधन में डॉ. हर्ष वर्धन ने स्‍मरण कराया कि किस प्रकार भारत प्रधानमंत्री के आत्‍म निर्भर भारत के आहवान में योगदान दे रहा है और देश इस मुश्किल काल में कोविड टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन-95 मास्‍क आदि के विनिर्माण में आत्‍म निर्भर बना है जबकि इससे पहले कोविड महामारी के शुरूआती दौर में इनका आयात किया जाता था । केन्‍द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जीनोम सिक्‍वेंसिंग, बायोरिपोजिटरी के विकास, वैक्‍सीन विकास और कोविड-19 की टेस्टिंग में विश्‍व के अग्रणी देशों में हम आगे रहे । उन्‍होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय और स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के पेशेवरों के प्रयासों के कारण हमने समयानुकूल कार्रवाई की और आज बहुत शीघ्र देशवासियों के लिए कोविड वैक्सीनेशन शुरू करने की स्थिति में हम आ गए हैं ।

 

इससे पहले इंडियन फुटवेयर साइजिंग सिस्‍टम की शुरूआत करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास में पहली बार भारत के पास अपना फुटवीयर साइजिंग सिस्‍टम होगा। यह एक उदाहरण है जिससे पता चलता है कि भारत इस प्रकार कई अन्‍य क्षेत्रों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में आत्‍म निर्भर बन रहा है । डॉ. हर्ष वर्धन ने सबसे पहले थ्री-डी फुट स्‍कैनिंग में भाग लिया जिसका इस्‍तेमाल इंडियन फुटवेयर साइजिंग सिस्‍टम को विकसित करने के लिए डेटा के संकलन हेतु एक लाख से अधिक लोगों पर किया जाएगा ।

 

 सामान्‍य जन के जीवन में परिवर्तन लाने की वैज्ञानिकों की शक्ति का उल्‍लेख करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि सीएलआरआई में वैज्ञानिकों के योगदान ने इस उद्योग में कई गरीब कामगारों के जीवन में बदलाव लाया है ।

 

सीएसआईआर-सीएलआरआई, एसईआरसी और सीएमसी में वैज्ञानिक समुदाय का धन्‍यवाद करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने वैज्ञानिकों से आत्‍म निरीक्षण करने की अपील की ताकि वे आत्‍म निर्भर भारत बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में योगदान दे सकें और भारत को निकट भविष्‍य में विश्‍व गुरू भारत बनाने में सहयोग कर सकें ।


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