नई दिल्ली, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सीएसआईआर-एनपीएल के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय मापिकी कॉन्क्लेव-2021 में उद्घाटन भाषण दिया। इसका आयोजन सीएसआईआर-एनपीएल ने किया है।
सीएसआईआर-एनपीएल नई दिल्ली सीएसआईआर द्वारा स्थापित प्रमुख प्रयोगशालाओं में से एक है, एनपीएल की स्थापना देश की स्वतंत्रता से पहले 04 जनवरी, 1947 को की गई थी।
हीरक जयंती वर्ष की शुरुआत और एनपीएल के स्थापना दिवस समारोह के आयोजन के अंतर्गत राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मापिकी विषय पर राष्ट्रीय मापिकी कॉन्क्लेव आयोजित किया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर के उपाध्यक्ष, केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजय राघवन उपस्थित थे।
माननीय प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दो भारतीय कोविड वैक्सीन सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत का कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम विश्व में सबसे बड़ा है और यह शीघ्र शुरू किया जाना है। देशवासियों के समक्ष आ रही प्रत्येक चुनौती का समाधान निकालने हेतु मिलकर काम करने के लिए प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर समेत देश के वैज्ञानिक संस्थानों की सराहना की।
श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली राष्ट्र को समर्पित की और राष्ट्रीय पर्यावरणीय मानक प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।
माननीय प्रधानमंत्री जी के पूर्ण भाषण से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति पीआईबी द्वारा जारी की गई है।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला और सीएसआईआर को बधाई देते हुए कहा कि भारत की अनेक विज्ञान प्रयोगशालाओं में विकसित विशेषज्ञता, अनुसंधान और विकास को प्रेरित कर रही है और हमारे देश को प्रमुख विज्ञान महाशक्ति बनने में प्रमुख शक्ति के रूप में मदद दे रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय पिछले एक वर्ष में अत्यंत प्रखर और महत्वपूर्ण रहा है। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा किए गए महान प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज हमारे पास कई वैक्सीन हैं, जिन्हें विश्व भर में विकसित किया गया है, इनमें से दो को रिकॉर्ड ब्रेकिंग गति से विकसित किया गया है और इन्हें भारत में अधिकार पत्र (Authorization) मिला है। उन्होंने कहा कि यह विश्व भर के वैज्ञानिकों के शानदार और सहयोगी प्रयासों के कारण संभव हुआ है और विज्ञान और इसके ज्ञान को अद्वितीय स्तर पर साझा किया गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे वैज्ञानिक हमें गेम चेंजिंग विचार और अवसर दे सकते हैं, जिनसे हमारे उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है, रोजगार के नये अवसर उत्पन्न हो सकते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में वास्तविक सुधार लाया जा सकता है। विज्ञान बराबरी में साधक सिद्ध हो सकता है। यह सुनिश्चित कर सकता है कि निर्धन व्यक्ति साधारण विचारों और नवाचार के बल पर आरामदायक जीवन व्यतीत कर सके। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि सभी वैज्ञानिक यही काम करें।
डॉ. हर्ष वर्धन ने इससे पहले पोस्टर गैलरी का उद्घाटन किया, जिसमें सीएसआईआर-एनपीएल और इसकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर सीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर सी. मांडे, सीएसआईआर-एनपीएल के निदेशक डॉ. डी.के. असवाल उपस्थित थे। इस अवसर पर सीएसआईआर-एनपीएल की गतिविधियों पर आधारित एक लघु एनिमेटेड फिल्म प्रदर्शित की गई।
डॉ. हर्ष वर्धन ने डॉ. डी.के. असवाल द्वारा संपादित और सीएसआईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों के योगदान से प्रकाशित ‘भारत के समावेशी विकास के लिए मापिकी’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया। यह पुस्तक भारत के समावेशी विकास में मापिकी की भूमिका को रेखांकित करती है। उन्होंने इस अवसर पर थीसॉरस ऑफ एनपीएल को भी जारी किया।