प्रधानमंत्री मैट्रिकोत्तर छात्रवृति से अनुसुचित जाति के छात्रों मिलेगा आगे बढने का अवसर - जोशी

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Published on : 05 Jan, 21 04:01

प्रधानमंत्री मैट्रिकोत्तर छात्रवृति से अनुसुचित जाति के छात्रों मिलेगा आगे बढने का अवसर - जोशी

चित्तौडगढ़/ चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने हाल ही में अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए “अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)“ की केंद्र सरकार के द्वारा प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है उसका स्वागत किया हैं अनुसुचित जाति के छात्र  अपनी उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें।

सांसद जोशी ने बताया की मोदी सरकार लगातार सभी वर्गो के सर्वागिंण विकास को केन्द्र मानकर योजना बनाकर कार्य कर रही हैं उसी कड़ी में मोदी सरकार के द्वारा अनुसुचित जाति वर्ग के छात्रों के लिये शैक्षिक सशक्तिकरण के लिये सबसे बड़ी योजना को अनुमोदित किया है।

  59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है यह स्कीम मौजूदा “प्रतिबद्ध देयता“ प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी।
इस योजना से अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षा 11 वीं से शुरू होने वाले मैट्रिक के बाद के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रखने में मदद मिली है। इस योजना में सरकार शिक्षा की लागत का वहन करती है।

 केंद्र सरकार इन प्रयासों को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि 5 वर्ष की अवधि के भीतर अनुसूचित जातियों का जीईआर (उच्चतर शिक्षा) राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सके।
यह योजना गरीब-से-गरीब छात्रों को नामित करने, समय पर भुगतान करने, व्यापक जवाबदेही, निरंतर निगरानी और पूर्ण पारदर्शिता पर जोर देती है।

गरीब-से-गरीब परिवारों के 10वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। अनुमान है कि 1.36 करोड़ ऐसे सबसे गरीब छात्र जो वर्तमान में 10वीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं, उन्हें अगले पांच वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा।

 यह स्कीम सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर संचालित की जाएगी जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य क्षमता, तथा बिना विलम्ब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी। राज्य पात्रता, जातिगत स्थिति, आधार पहचान तथा बैंक खाता के ब्यौरे की ऑनलाइन पोर्टल पर अभेद्य जांच करेंगे।

 इस स्कीम के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता का आहरण डीबीटी मोड के माध्यम से और अधिमान्यता आधार सक्षम भुगतान प्रणाली को प्रयोग में लाकर किया जाएगा। वर्ष 2021-22 से प्रारंभ करते हुए इस स्कीम में केंद्र सरकार निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी मोड के माध्यम में सीधे जारी किया जाएगा।  

निगरानी तंत्र को और सुदृढ़ किया जाएगा और सोशल ऑडिट, तीसरे पक्ष द्वारा वार्षिक मूल्यांकन कराकर और प्रत्येक संस्थान की अर्ध-वार्षिक स्वतः लेखा परीक्षित रिपोर्टों के माध्यम से किया जाएगा।
 सांसद जोशी ने बताया की विगत वर्षो के दौरान भी केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 1100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी, उसे वर्ष 2020-21 से 2025-26 के दौरान 5 गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग 6,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया जा रहा है।

सांसद जोशी ने मोदी सरकार द्वारा लगातार से शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में अनुसुचित जाति वर्ग के छात्रों को शैक्षिक सशक्तिकरण के लिये लाभ देने के लिये देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारीता मंत्री डॉ. थावर चन्द गहलोत का आभार व्यक्त किया।


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