राष्ट्रीय लोक अदालत के अभियान में ८३२ मामलों पर राजीनामा की मुहर

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Published on : 12 Dec, 20 11:12

राष्ट्रीय लोक अदालत के अभियान में  ८३२ मामलों पर राजीनामा की मुहर

प्रतापगढ/   जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में ८३२ मामलों पर राष्ट्रीय लोक अदालत की मुहर लगी और तीन करोड के अधिक रूपये के राजीनामे तय हुए।

       जिला मुख्यालय पर आज सवेरे से ही ए.डी.आर सेन्टर के साथ ही समस्त न्यायालयों पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेषन न्यायाधीष- श्री आलोक सुरोलिया के कर-कमलों से मां सरस्वती के सम्मुख न्यायाधिकारीगण के द्वारा दीप प्रज्वलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर माननीय जिला न्यायाधीश एवं प्राधिकरण सचिव के साथ पॉक्सो जज ने भी उपस्थित जन समुदाय एवं विद्धान अधिवक्तागण को आज के इस अवसर पर अधिकाधिक प्रकरणों के निस्तारण हेतु अपने भरसक प्रयास हेतु अपील की।

       आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु मुख्यालय पर कुल ०४ एवं अरनोद हेतु ०१ तथा तालुका छोटीसादडी एवं धरियावद हेतु ०१-०१ बैंचों का गठन किया गया। जिसमें मुख्यालय पर बैंच प्रथम से माननीय जिला एवं सेशन न्यायाधीश आलोक सुरोलिया की अध्यक्षता में सदस्य अधिवक्ता तेजपालसिंह राठौड, बैंच द्वितीय से सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) लक्ष्मीकांत वैष्णव की अध्यक्षता में सदस्य अधिवक्ता विरेन्द्र मोगरा, बैंच तृतीय से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण राम विश्नोई की अध्यक्षता में सदस्य अधिवक्ता अमित जैन प्रथम, बैंच चतुर्थ से श्रीमती कुमकुम सिह सांखला अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरनोद की अध्यक्षता में सदस्य अधिवक्ता श्री हर्षवर्धन सिंह सिसोदिया एवं बैंच पंचम में अतिरिक्त सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार अहारी की अध्यक्षता में सदस्य अधिवक्ता प्रवीण बोरदिया ने अपने भरसक प्रयासों से उपस्थित आये अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधिगण एवं प्रतिपक्षियों से समझाईशवार्ता करते हुए अनेकों मामलों में समझाईश का प्रयास किया। जिसके चलते राश्ट्रीय लोक अदालत की बैंचों में जिला एवं ताल्लुका न्यायालयों में मुकदमा दर्ज करने से पूर्व एक बार मिल तो लें‘ की तर्ज पर प्रि-लिटीगेषन मामलों एवं न्यायालयों में लम्बित मामलों  राश्ट्रीय लक अदालत बैंच के अध्यक्ष एवं सदस्यगण आये पक्षकारान अपने मामले को आपसी सहमति व समझाईष करने से निपटाने को सहजता से तैयार हो गये। पारिवारिक न्यायालय के मामलों के तहत एक मामला उनवान संजय बनाम सुशीला में दोनों पक्षों में समझाईश की गई।

जिसके फलस्वरूप दानों में राजीनामा तय हुआ और दोनों को माननीय जिला न्यायाधीश, जज पोक्सो न्यायालय एवं सचिव प्राधिकरण ने आशिर्वाद प्रदान करते हुए साथ-साथ राजीखुशी एक दूसरे को माला पहनाकर न्यायालय से विदा किया। इस अवसर पर दम्पति अपने नवीन जीवन के निर्वहन हेतु एक दूसरे को वचन प्रदान करते हुए प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय लोक अदालत को धन्यवाद देते हुए न्यायालय से रूखसत हुए।

       लोक अदालत के अन्त में राश्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सचिव लक्ष्मीकांत वैष्णव ने न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अभिभाशकगण, पक्षकारान, एवं बैंक अधिकारीगण एवं प्राधिकरण स्टॉफ द्वारा दिये गये अपने सकि्रय योगदान हेतु आभार व्यक्त किया।

 


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