उदयपुर । भाजपा की लोकप्रिय नेत्री पूर्व मंत्री पूर्व सांसद वर्तमान राजसमंद विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी मंगलवार को अनंत किरणों में विलीन हो गई। प्रत्यक्ष-परोक्ष नम आंखों के बीच उदयपुर के रानी रोड स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के साथ किया गया। उनके पुत्र प्रशांत ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि उनका निधन कोरोना महामारी के कारण हुआ। गत 28 अक्टूबर को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनकी हालत स्थिर नहीं हो पाई। उन्हें 7 नवम्बर को एयरलिफ्ट करके गुडग़ांव के मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन वहां भी उनका स्वास्थ्य स्थिर नहीं हो सका। वहां रविवार देर रात उनका निधन हो गया। सोमवार को सडक़ मार्ग से उनकी पार्थिव देह उदयपुर लाई गई थी। पार्थिव देह को गीतांजलि हॉस्पिटल में रखा गया।
मंगलवार सुबह दिवंगत विधायक की पार्थिव देह को कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए सुभाष चौराहे के पास अम्बामाता स्कीम स्थित उनके घर पर लाया गया। यहां परिवारजनों ने उनकी अंतिम विदाई की रस्म अदायगी की। इस दौरान नजदीकी परिवारजन पीपीई किट पहने रहे। कार्यकर्ता भी कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर सीमित संख्या में ही मौजूद रहे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी उनके आवास पहुंचे और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर परिवार को ढांढ़स बंधाया। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उदयपुर सांसद अर्जुन मीणा, उदयपुर नगर निगम महापौर गोविन्द सिंह टांक, उपमहापौर पारस सिंघवी सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। भाजपा की ओर से दिवंगत विधायक की पार्थिव देह पर भाजपा का झण्डा भी ओढ़ाया गया।
दिवंगत विधायक के प्रति शोक संवेदना अभिव्यक्ति के लिए उठावणा बुधवार 02 दिसम्बर अपराह्न 3 से 6 बजे निवास स्थान पर ही रखा गया है जो कोरोना प्रोटोकॉल के अनुरूप होगा। राजसमन्द में 3 व 4 दिसम्बर को सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक गजानन वाटिका के पास राणा राजसिंह कॉलोनी 100 फीट रोड पर श्रद्धांजलि सभा रखी गई है। किरण माहेश्वरी के परिवार में उनके पति सत्यनारायण माहेश्वरी, उनके पुत्र प्रशान्त, पुत्रवधु कोमल, पौत्री निष्का, पुत्री दिप्ती, दामाद शशांक, दौहित्र दर्श हैं। उनके समधि गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी भी मौजूद थे।
दु:ख की घड़ी - बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका अचानक चला जाना बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने घर-परिवार छोड़ कर पूरा जीवन समाज की सेवा का लक्ष्य बनाकर अपना मार्ग तय किया था। आज सम्पूर्ण क्षेत्र उनके कार्यों को याद करता है, सेवाओं को याद करता है। सारे क्षेत्र के अंदर शोक की व्यापक लहर है। दु:ख की घड़ी है। हम सभी उनके परिवार के साथ हैं।