पूरी पारदर्शिता का साथ सम्पन्न कराई परीक्षा - प्रो. सारंगदेवोत
वैश्विक महामारी कोरोना ने आमजन को आधुनिक तकनीक से जोडा - प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विवि की ओर से पिछले एक माह से चल रहे पीएचडी शोधार्थियों के लिए आॅन लाईन कोर्स का, आॅन लाईन परीक्षा का आयेाजन किया गया जिसमें 123 शोधार्थियों छात्रों ने अपने घर बैठकर परीक्षा दी। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि वैश्विक महामारी कोराना को ध्यान में रखते हुए शोधार्थियों का किसी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए उनके लिए एक माह का आॅन लाईन कोर्स वर्क आयोजित किया गया जिसमें देश के ख्यातनाम विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों ने शोध प्रबंधन के बारे में अपने विचारों से अवगत कराया। उन्होने ने कहा कि आॅन लाईन परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराई गई जिसमें विद्यापीठ के आईटी एक्सपर्ट का सहयोग लिया गया। वैश्विक महामारी कोविड 19 ने आमजन को नवीनतक तकनीक से जोड दिया है। प्रो0 सारंगदेवोत ने बताया कि आईटी विभाग में 13 आॅन लाईन रूम तैयार किए गए और इस तरह के नियम बनाए गए जिससे जिससे किसी भी तरह की नकल न हो सके। दस छात्रोें उपर एक पर्यवेक्षक लगाया गया जिसके द्वारा तीन घंटे तक उन छात्रों पर कडी नजर रखी गई और किसी तरह उनके द्वारा हल चल या अन्य गतिविधिया करने पर पर्यवेक्षक द्वारा तत्काल आॅन लाईन निर्देश देकर ईमानदारी के साथ अपना कार्य करने के निर्देश दे रहे थे। पीजी डीन प्रो0 जीएम मेहता, कोर्स वर्क समन्वयक डाॅ0 पारस जैन ने बताया कि इस बार यूजीसी द्वारा एक और नया विषय प्रारंभ किए जाने के बाद सभी तीनों प्रश्न पत्र इस तरह के डिजाईन किए गए कि उन प्रश्नों व उनके उत्तरो को आॅन लाईन ढूंढना सहन न हो, इस हेतु केस स्टडीज व अन्य माध्यमों को प्रयोग किया गया। आॅन लाईन कार्यो के समन्वयक व आईटी एक्सपर्ट डाॅ0 चन्द्रेश छतलानी ने बताया कि इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि नकल पर अंकुश लगाने के कारण परीक्षा का अंतराफलक क्लिष्ट न जाए, इस विशिष्ट डिजाईन को इस तरह से बनाया गया की परीक्षार्थी को घर बैठे परीक्षा देने मे किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। सुरक्षा हेतु इसमें काॅपी - पेस्ट को भी बंद कर दिया गया तथा एक परीक्षार्थी को एक ही स्थान से लाॅग इनक रने की अनुमति दी गई। सह समन्वयक डाॅ0 दिलीप चैधरी ने बताया कि आने वाले समय परिस्थितियाॅ अनुकूल नही रही तो आगे भी विश्वविद्यालय सम्बध्ंाी सभी कार्यो को आॅन ही सम्पादित किए जायेगे।