उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के आनंद एवं आरोग्य केंद्र के की ओर से शुक्रवार को 'आनंदम् अभिविन्यास' पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रमुख शासन सचिव डॉ शुचि शर्मा थी। डॉ शर्मा ने आनंदम् का तात्पर्य जीवन को उत्सव रूप में जीना बताया। उन्होंने बताया कि इससे विद्यार्थियों में सृजनात्मकता एवं जीवन मूल्यों का बोध विकसित हो सकेगा। शिक्षा को जीवन से जोड़ना ही आनंदम् का प्रयोजन है। कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस अनिवार्य पाठ्यक्रम से छात्रों में तनाव व अवसाद दूर होने के साथ उनका नैतिक और चारित्रिक विकास होगा। विवि में पूरे मन और दिल से यह कोर्स लागू किया गया है। प्रो सिंह ने 7 दिसंबर को आनंदम् दिवस मनाए जाने की घोषणा की, जिसमें सुखाड़िया विवि के साथ गोविन्दगुरु जनजातीय विवि बाँसवाड़ा और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि से सम्बन्धित 400 संस्थाऍ शिरकत करेंगी। यह कार्यक्रम ऑनलाईन होगा। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. नीरज शर्मा ने आनंदम् को शिक्षा का वास्तविक प्रयोजन बताया। उन्होंने आनंदम् के द्वारा विद्यार्थियों के होने वाले समग्र विकास को बताते हुए आनंदम् के स्वरूप, पाठ्यचर्या, अंकयोजना, परीक्षा प्रणाली इत्यादि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि श्रीमती नीलिमा खेतान ने पूरे भारत में प्रथमतया राजस्थान में सत्र 2020-21 से लागू हो चूके इस पाठ्यक्रम को विद्यार्थियों की रचनात्मक योग्यता को विकसित करने वाला बताया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन आर्ट्स कॉलेज डीन प्रो. सीमा मलिक तथा आभार प्रदर्शन प्रो. एन. लक्ष्मी ने किया। संचालन डॉ. नवीन नंदवाना ने किया। कार्यशाला में सुविवि के सभी संगठक और सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य, नोडल अधिकारी और मेंटर्स ने भाग लिया।