राष्ट्रव्यापी आह्वान पर श्रमिक संगठनों का जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन और मांग पत्र

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Published on : 26 Nov, 20 10:11

राष्ट्रव्यापी आह्वान पर श्रमिक संगठनों का जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन और मांग पत्र

भीलवाड़ा/ जिला श्रमिक संयुक्त संघर्ष समिति के बेनर तले इन्टक, एटक, सीटू, एच.एम.एस. श्रमिक संगठनों के श्रमिकों ने केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर सोशल डिस्टेसिंग की पालना करते हुये मास्क लगाकर सैकड़ों श्रमिकों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा श्रमिक विरोधी कानून वापस लो, मोदी सरकार मुर्दाबाद, इन्कलाब जिन्दाबाद, मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, रेलवे बैंक बीएसएनएल बेचना बंद करो, श्रमिक एकता जिन्दाबाद, विदेशी पूंजी निवेश बन्द करो, निजीकरण नहीं चलेगा, रोजी रोटी दे न सकी वो सरकार निकम्मी है - जो सरकार निकम्मी है तो सरकार बदलनी है, देश बेचना बन्द करो, महंगाई पर रोक लगाओ के गगनभेदी नारे लगाते हुये जिला मुख्यालय पहुंच कर आम सभा की।
       आम सभा को इंटक के दीपक व्यास, एटक के का0 ओमप्रकाश शर्मा, रोड़वेज युनियन के का0 राजेन्द्र सेन, का0 गुलाम सरवर तथा सीटू के का0 मोहम्मद हुसैन कुरैशी व एच.एम.एस. के नेताओं ने सम्बोधित करते हुवे मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने का आव्हान किया।
       श्रमिक संगठनों ने जिलाधीश महोदय के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मांग-पत्र देकर श्रमिक विरोधी कानूनी संशोधन वापस लो, न्यूनतम मासिक मजदूरी 21000 रूपये करने, बैंक बीमा, बीएसएनएल, रेल्वे, बिजली व राज्य परिवहन निगम (रोड़वेज) का निजीकरण की नीतियां बन्द करने, निजी कारोबार में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश बन्द करने, महंगाई पर रोक लगाने, बैंकों का विलीनीकरण और रेलवे का निजीकरण बंद करने एवं 109 लाईनों पर निजी कोरपोरेटर के सानिध्य में रेल चलाने की अनुमति देने को बंद करने, कोयला खदानों का निजीकरण बन्द करने तथा निलामी रोकने तथा कोरपोरेट घरानों को एन.पी.ए. देना बंद कर उनसे वसूली सुनिश्चित करने, सम्मान कार्य के लिये सम्मान वेतन देने व ठेकाकरण बंद करने, महंगाई को कम करने तथा डीजल-पेट्रोल के दाम घटाने, केन्द्र सरकार द्वारा मौजूदा दौर में किसान हितों के विरूद्ध बनाये गये कानून वापस लो की मांग की।
       मुख्यमंत्री को दिये मांग-पत्र में श्रम विभाग भीलवाड़ा में श्रम उपायुक्त, 5 श्रम निरीक्षको व 1 डीएम के रिक्त पदों को तुरन्त भरने, बी.ओ.सी.डब्ल्यू.  में श्रमिकों के 2 वर्षों से लम्बित पड़े शुभ शक्ति योजना, पंजियन आवेदन, छात्रवृति आवेदन व आवास योजना के आवेदनों को जो 2 वर्ष से लम्बित से पड़े है उनका समाधान करने, स्पीडफेड की बंद पड़ी गंगापुर-गुलाबपुरा मिलों को चालू करो व रोड़वेज कर्मचारियों को 7वें वेतन का लाभ देने की मांग की।
       श्रमिक संगठनों द्वारा श्रम उपायुक्त संकेत मोदी को मांग पत्र देकर शुभ शक्ति, प्रसूति, आवास, छात्रवृत्ति योजनाआंे एवं पंजीकरण के आवेदनों के शीघ्र निपटारा करने की मांग की। साथ ही मुख्यमंत्री से निर्माण श्रमिकों को 2500/- रूपयें के बजाय 7500/- रूपयें लोकडाउन की अवधि के देने की मांग की गई।
       श्रमिक संगठनों में इंटक के कन्हैयालाल शर्मा, कान सिंह चुण्डावत, सत्यनारायण सेन, खेमचन्द पनवा व प्रीति शर्मा तथा सीटू के का0 रतनलाल खटीक, का0 ओमप्रकाश देवानी, एम.आर. यूनियन के का0 रामेश्वर लाल जाट, का0 सुभाष लढ़ा, का0 ललित दाधीच, एटक के का0 जमील पठान आदि बड़ी संख्या में श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


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