MPUAT:21वीं प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक सम्पन्न

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Published on : 26 Nov, 20 06:11

 MPUAT:21वीं प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक सम्पन्न

प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा आयोजित 21वीं प्रसार शिक्षा परिषद् की वार्षिक बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, वल्लभनगर, भीलवाड़ा, शाहपुरा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ एवं प्रतापगढ़ की वार्षिक प्रगति की समीक्षा, पिछली बैठक में माननीय सदस्यों द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण सुझावों के क्रियान्वयन एवं आगामी वर्ष के कार्यक्रमों पर माननीय सदस्यों द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। इस महत्वपूर्ण बैठक में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी परिषद् के सदस्य, विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, कुलपति द्वारा मनोनीत देश के प्रख्यात वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्रों के सभी वरिष्ठ वैज्ञानिक, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, मनोनीत प्रगतिशील किसानों आदि ने भाग लिया। 

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र जिला स्तर पर किसानों की सेवा में सदैव तत्पर है तथा वैज्ञानिकों को नसीयत दी थी कि वे किसानों की सेवा में सदैव तैयार रहें। अपने आव्हान में डाॅ. राठौड़ ने किसानों की आमदनी बढाने हेतु विशेष बल दिया ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। इस हेतु उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को कृषि लागत में कमी करने हेतु प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र हेतु कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना करें एवं इन्हें मोबाईल एप से जोड़े जिससे लघु एवं सीमान्त कृषक लाभान्वित हो सके। डाॅ. राठौड ने उत्पादकता के साथ-साथ कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष बल दिया ताकि रसायनों के बढ़ते उपयोग का मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव ना पड़े। परम्परागत कृषि में सुधार कर कृषि से सम्बन्धित नये उद्यमों को ध्यान में रखने होगें ताकि किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें। कृषकों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करने हेतु म.छ।ड पोर्टल से जोड़ा जाये। 

 बैठक को देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डाॅ. रणधीर सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली ने अपने सम्बोधन में किसानोपयोगी अनेक पहलूओं पर विस्तृत चर्चा की एवं अनेकों सुझाव दिये तथा बताया कि प्रत्येक जिले के कृषि सम्बन्धित डेटा बेस  एवं उन्नत तकनीकी की इन्वेन्ट्री तैयार करें तथा इन तकनीकीयों को केन्द्र के फार्म प्रौद्योगिकी पार्क रूप में प्रदर्शित करें। इस अवसर पर ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डाॅ. जितेन्द्र चैहान, अधिष्ठाता (स्नातकोत्तर अध्ययन) केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल ने अपने उद्बोधन में सभी को आह्वान करते हुए कहा कि प्रसार वैज्ञानिकों को नवीनतम संचार माध्यमों के उपयोग पर बल देना आज की महती आवश्यकता है। अपने उद्बोधन में डाॅ. चैहान ने बताया कि किसानों को गुणवŸाायुक्त बीज समय पर उपलब्ध कराया जाये इस हेतु सीडहब बनाया जाये। 

निदेशक, अटारी, जोधपुर के प्रतिनिधि डाॅ. पी.पी. रोहिला ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों पर किसान उत्पादन संघ (एफ.पी.ओ.) का गठन करें। 

डाॅ. एस.के. शर्मा, निदेशक, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर ने बताया कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र एक/दो हेक्टर क्षेत्र में समन्वित कृषि प्रणाली माॅडल विकसित करें एवं वैज्ञानिकों को आव्ह्ान किया कि जरूरत अनुसार सफलतम माॅडल विकसित करें।

बैठक में निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ. सम्पत लाल मून्दड़ा ने विगत बैठक के बाद किये गये कार्यों एवं उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। साथ ही विगत बैठक में सदस्यों द्वारा सुझाये गये बिन्दुओं की क्रियान्वयन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया एवं आगामी वर्ष के मुख्य कार्यक्रमों हेतु सभी सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किये। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डाॅ. सी.एम.बलाई तथा प्रतापगढ़ के डाॅ. योगेश कनोजिया ने अपने केन्द्रों की दो वर्ष की प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बैठक में कुलपति द्वारा मनोनीत बांसवाड़ा के श्री लक्ष्मण राजसमंद के श्री दिनेश पालीवाल और चित्तौड़गढ़ के श्री नेमीचन्द ने अपने विचार एवं अनुभवों से सभी को अवगत कराया।

इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशालय के तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रभारी डाॅ. पी.सी.चपलोत ने बताया कि प्रसार शिक्षा निदेशालय तथा सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा संचालित साहित्य ’’अन्नदाताओं की सफलता की कहानियां एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रतापगढ़ गतिविधियां एवं उपलब्धियां - एक नजर’’ अध्यक्ष द्वारा विमोचन कराया गया। आॅनलाईन इस कार्यक्रम का संचालन प्रसार शिक्षा निदेशालय की प्राध्यापक डाॅ. लतिका व्यास द्वारा किया गया। डाॅ. लतिका व्यास ने बताया कि इस कार्यक्रम में 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 


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