कोरोना टीका सभी के लिए होगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published on : 24 Nov, 20 14:11

-नीति गोपेन्द्र भट्ट-

कोरोना टीका सभी के लिए होगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 नई दिल्ली प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार  को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की , जिसमें आठ  फोकस राज्यों हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल पर विशेष रूप से  कोरोना प्रबंधन की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की गई । बैठक में कोविड -19 के टीका वितरण के भावी तौर-तरीकों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और अन्य सम्बंधित भी ऑन लाइन रूप से जुड़ें । 

 
स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार

प्रधान मंत्री ने कहा  कि देश ने सामूहिक  प्रयासों से कोविड-19  महामारी का  का सामना किया है इसके कारण आज  कोरोना की रिकवरी दर और मृत्यु दर दोनों  मामलो में  भारत में स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। उन्होंने नमूनों की जांच और उपचार नेटवर्क के बारे में भी  विस्तार से  बात की और कहा कि पीएम केयर फंड का विशेष जोर ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन जनरेशन के मामले में मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है और बताया कि देश में 160 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।

लोगों की प्रतिक्रिया के चार चरण

लोगों ने महामारी पर कैसे प्रतिक्रिया दी, इस पर प्रधान मंत्री ने कहा कि इसे चार चरणों में देखा जा सकता है। पहले डर था, जब लोग घबराहट में प्रतिक्रिया देते थे। दूसरे चरण में वायरस के बारे में संदेह की स्थिति देखी गई, जब कई लोगों ने यह छिपाने की कोशिश की कि वे इससे पीड़ित थे। तीसरा चरण स्वीकृति का था, जब लोग वायरस के बारे में अधिक गंभीर हो गए और अधिक सतर्कता दिखाई। चौथे चरण में, बढ़ती रिकवरी  दर के साथ, लोगों ने वायरस से सुरक्षा की झूठी धारणा विकसित की , इस प्रकार लापरवाही की घटनाओं में वृद्धि हुई है। प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस चौथे चरण में वायरस की गंभीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिन देशों में इसका प्रभाव पहले से कम हो रहा था, वहां महामारी के प्रसार में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई ऐसे ही भारत के कुछ राज्यों में भी देखी जा रही है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को  अधिक सतर्कता और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

प्रधान मंत्री ने कहा कि आरटी-पीसीआर नमूनों की जांच  को बढ़ाना और  मरीजों की निगरानी बेहतर तरीके से सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है संक्रमित रोगियों का घरों में पृथकवास , गाँव और सामुदायिक स्तर पर बेहतर  निगरानी  और वायरस से सुरक्षा के लिए और अधिक जागरूकता अभियान चलाएं जाने चाहियें  । उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य मृत्यु दर को 1% से नीचे लाना  होना चाहिए।

सुगम, व्यवस्थित और निरंतर टीकाकरण सुनिश्चित करना

प्रधान मंत्री ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार कोरोना टीकों के विकास पर कड़ी नजर रख रही है और वैश्विक डेवलपर्स, अन्य देशों की सरकारों, बहुपक्षीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ भारतीय डेवलपर्स और निर्माताओं के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों के लिए आने वाला टीका सभी आवश्यक वैज्ञानिक मानदंडों को पूरा करे। उन्होंने रेखांकित किया कि जैसे कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारा  फोकस प्रत्येक  जीवन को बचाने पर रहा है, वैसे ही हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि टीका सभी तक पहुंचे। सभी स्तरों पर राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना होगा कि टीकाकरण ड्राइव सुगम, सुचारू, व्यवस्थित और निरंतर रहे ।

प्रधान मंत्री ने कहा कि राज्यों के परामर्श से टीकाकरण की प्राथमिकता भी तय की जा रही है। राज्यों के साथ अतिरिक्त कोल्ड चेन स्टोरेज की आवश्यकताओं पर  चर्चा की गई है। उन्होंने बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्रियों से राज्य स्तरीय संचालन समिति और राज्य और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा।

प्रधान मंत्री ने कहा कि पिछले अनुभव हमें कई मिथक के बारे में सजग करते हैं  टीकों और  वैक्सीन के दुष्प्रभावों के बारे में अफवाहें फैलाई जा सकती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे निपटने के लिए नागरिको, समाज के सभी वर्गों , एनसीसी और एनएसएस के छात्रों और मीडिया आदि के सहयोग से,अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने  की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री भी बोले

बैठक में मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और राज्यों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने राज्यों में जमीनी स्थिति की विस्तृत जानकारी  दी । उन्होंने मामलों की संख्या में वृद्धि ,कोविड की जटिलताओं, जांच बढ़ाने के उपाय, राज्य सीमाओं पर किए जाने वाले परीक्षण जैसे कदम, घर-घर जाकर नमूनों की जांच करने के लिए शुरू किए गए प्रयासों , सार्वजनिक समारोहों पर अंकुश , कर्फ्यू लगाना और अन्य भीड़ प्रतिबंधक उपायों की जानकारी दी  ।

 


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