उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के संघटक होम्योपेथी चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित हायपरटेंशन एण्ड मेटाबोलिक डिस आर्डर विषयक पर आयोजित एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि हाईपर टेंशन से व्यक्ति तनाव से भर जाता है और जब वह किसी चीज के बारे में अधिक सोचना है तो वह स्टेªेस का शिकार हो जाता है इसके बाद हाईपरटेंशन की चपेट में आ जाता है।
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विश्व स्वास्थ संगठन डबल्यू एच ओ के अनुमानो के अनुसार दुनिया भर में 1.13 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित है यह लोगो की अकाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है ऐसी स्थिति में इंसान का ब्लड प्रेशर का लेवल 120/80 एम एम एचजी के बैरियर को पार कर जाता है यदि समय रहते इस पर कंट्रोल नही किया जाता है तो यह खतरनाक बिमारियों का कारण भी बन जाता है। उन्होने कहा कि कभी ऐसा माना जाता था कि रक्तचाप वृद्धावस्था की बिमारी है लेकिन आज की परिस्थितियों में तेजी से बदलाव हो रहा है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को यह बिमारी हो सकती है। होम्योपेथी चिकित्सा पद्धति इस बिमारी में कारगर सिद्ध हुई है। प्राचार्य डाॅ. अमिया गोस्वामी ने अतिथियेां का स्वागत करतेक हुए वेबीनार की जानकारी दी। वेबीनार के मुख्य वक्ता राक हास्पिटल यूएई डाॅ. हरकीरत सिंह ने कहा कि रक्तचाप में होम्योपेथी एकोनाईट , काली फोस, मेग फोस, क्रेटेगस, कैक्टस जैसी दवा कारगर सिद्ध हुई है। अकेडमिक डीन डाॅ. प्रो. बबीता रसीद, डाॅ. नवीन विश्नोई, प्रो. एपी गुप्ता, डाॅ. राजन सूद, डाॅ. लीली जैन, डाॅ. निवेदिता पटनायक ने भी अपने विचार व्यक्त किए।