डॉ. हर्ष वर्धन ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया

( 16887 बार पढ़ी गयी)
Published on : 21 Nov, 20 05:11

गैर-सरकारी संस्थानों ने पोलियो उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जन-स्वास्थ्य में उनका सहयोग आवश्यक है

डॉ. हर्ष वर्धन ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया

नई दिल्ली (नीति गोपेन्द्र भट्ट) |  केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद के साथ विचार-विमर्श किया।

विभिन्न अलग-अलग मंचों को साथ लाने के लिए सीआईआई को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इससे सरकार को विश्व की विशाल जनसंख्या वाले देश में महामारी पर लगातार संवाद करने में मदद मिली है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र उद्योग राजस्व और रोजगार की दृष्टि से विशाल है और इसका बाजार 2022 तक तीन गुना यानी 8.6 ट्रिलियन हो जाने का अनुमान है। यह आवश्यक है कि ऐसे कदम उठाए जाएं, जिससे संबंधित पक्षों को उद्योग के साथ सम्मिलन में सहायता मिले। स्वास्थ्य देखभाल जो कि सुलभ और किफायती हो, इसे प्रदान करने की आवश्यकता है। यह आवश्यकता इस समय और भी अधिक है क्योंकि कोविड के प्रभाव के कारण और भी अधिक जरूरी है।

आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के सरकारी प्रयासों को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है, ताकि जनता तक किफायती स्वास्थ्य सेवा पहुंच सके। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य शहरी ग्रामीण इलाकों के भीतर असमानता का चित्र प्रस्तुत करता है। इस अंतर को पूरा किए जाने की जरूरत है और श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार यह करने को संकल्पबद्ध है। पीएम जे ए वाई और स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्र नेटवर्क के साथ आयुष्मान भारत गैर संचारी रोगों और कैंसर की स्क्रीनिंग का नेटवर्क बना है और यह इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस बारे में उन्होंने कहा कि सरकारी निजी भागीदारी  आगे बढ़ने का एक रास्ता है, क्योंकि इससे कुशलता और नवाचार में सुधार लाने, प्रभावशीलता बढ़ाने , शहरी ग्रामीण असमानता दूर करने, पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य पर लोगों द्वारा किए जा रहे खर्च में कमी लाने में मदद मिलती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल  न केवल कोविड के खिलाफ लड़ाई में किया जा रहा है बल्कि देश में गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में भी किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमें प्रौद्योगिकी से प्राप्त क्षमता को अधिकतम बनाने की आवश्यकता है और इससे सबके लिए स्वास्थ्य की दिशा में मदद ली जा सकती है। टेली-मेडिसिन से फायदा मिल रहा है और इसमें अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी तक समाधान प्राप्त किया है। आज ई-संजीवनी टेली-कंसल्टेशन सेवा ने आठ लाख टेली-कंसल्टेशन पूरे कर लिए हैं।

पोलियो के खिलाफ अभियान में अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए डॉ.हर्ष वर्धन ने स्मरण कराया कि सीआईआई, दिल्ली चेम्बर ऑफ कॉमर्स और रोटरी क्लब जैसे गैर-सरकारी संगठनों ने स्वयं खर्च वहन कर इसे कामयाब बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें उन संगठनों और उद्योगों को मदद करनी होगी, जो मजबूत स्वास्थ्य देखभाल के महत्व को समझते हैं। इसके लिए जैव वृद्धि पहल और अन्य गैर पारम्परिक स्वास्थ्य मॉडल पर विचार करना होगा। डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड के साथ भारत की नियति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जनता और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग का प्रमाण है। हमारा देश अब पीपीई किट का सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है। हम कुछ वर्ष पहले जांच के लिए नमूनों को सीडीसी अटलांटा भेजा करते थे, जबकि अब हमारे पास अधिक संख्या में निजी प्रयोगशालाएं हैं, जो देश की कुल जांच में योगदान दे रही हैं। उन्होंने कोविड वॉरियर्स की प्रशंसा की, विशेष रूप से उन माताओं की, जिन्होंने अपने बच्चों के स्वास्थ्य जोखिम को जानते हुए उन्हें अपना कर्तव्य निभाने से नहीं रोका।

डॉ. हर्ष वर्धन ने भरोसा दिलाया कि समय पर कोविड की वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस बारे में उन्होंने बताया कि सरकार ने अपनी टीकाकरण क्षमता बढ़ा दी है और मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत एक साथ 12 रोगों के लिए बच्चों के टीकाकरण के लिए कोल्ड स्टोरेज श्रृंखला भी बना ली है। समूचे इवीआईएन प्लेटफॉर्म को संशोधित कर कोविन नेटवर्क बनाया जा रहा है। भंडारण का पूरा रिकॉर्ड डिजिटली ट्रैक किया जा सकेगा और जिन्हें वैक्सीन मिलेगी उन्हें भी दो-तीन सप्ताह के बाद ट्रेस किया जाएगा, यदि दो बार इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता होगी। इससे अंतिम छोर तक की वैक्सीन उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.