भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ-2020 में दूसरे दिन पद्मश्री से अलंकृत एवं वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने कहा कि यह कहना सही नहीं कि आज पत्रकारिता के सामने अधिक कठिनाई है। वास्तविकता यह है कि पत्रकारिता में हर युग में चुनौतियां रही हैं। यदि लक्ष्मण रेखा को ध्यान में रखें तभी हम पत्रकारिता में खतरे उठा सकते हैं। आज पत्रकारिता इसलिए सुरक्षित है क्योंकि हमारे प्रारंभिक पत्रकारों एवं संपादकों ने लक्ष्मण रेखा नहीं लांघी। ‘पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा’ पर अपने विचार रखते हुए मेहता ने कहा कि सबसे सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है। पत्रकारों को विश्वसनीयता बचाए रखने के प्रयास करने चाहिए। उसे किसी का पक्षकार बनने से बचना चाहिए।