नई दिल्ली, केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज डीएमई फायर्ड ‘अदिति ऊर्जा सांच’ यूनिट के साथ डीएमई-एलपीजी बलेंडेड ईंधन सिलेंडर का शुभारंभ किया और इन्हें आम जनता तथा सीएसआईआर-राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला की कैंटीन के इस्तेमाल के लिए परीक्षण के तौर पर सौंपा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला के परिसर में आयोजित किया गया, जिसे डॉ. हर्ष वर्धन ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने भाषण में कहा कि इस बर्नर की शुरुआत से मेक-इन-इंडिया अभियान को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा और सिलेंडर, गैस स्टोव, रेगुलेटर और गैस होज़ का विनिर्माण भी हो सकेगा। इस प्रयास से मांग और आपूर्ति का अंतर कम होगा और इससे देश की ऊर्जा संरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
डिमेथिल ईथर (डीएमई) एक अत्यंत स्वच्छ ईंधन है। राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला ने देश में इस किस्म का पहला 20 से 24 किलोग्राम प्रतिदिन क्षमता का पायलट संयंत्र बनाया है। डीएमई कम्बस्टन के लिए एलपीजी बर्नर समुचित नहीं है, क्योंकि डीएमई का घनत्व एलपीजी से भिन्न होता है। इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रयोगशाला ने अदिति ऊर्जा सांच नवाचार के प्रयास से मनाया है।
इसकी विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं-
नया डिजाइन डीएमई और डीएमई बलेंड तथा एलपीजी के लिए कुशल है।
नये नोज़ल की डिजाइन कम्बस्टन अधिकतम ऑक्सीजन के प्रवेश करने की सुविधा देता है।
इससे ताप ट्रांसफर दर भी बढ़ती है।
पारम्परिक बर्नर के मुकाबले में इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण बेहतर है। परीक्षण से पता चला कि एलपीजी के साथ इस्तेमाल किए जा रहे पारम्परिक बर्नर के मुकाबले यह 10 से 15 प्रतिशत अधिक फायदेमंद और प्रभावशाली है।