अत्याचार रोकने और बचाव कार्य दोनों में विफल राज्य सरकार

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Published on : 12 Oct, 20 04:10

श्रमिक मूपारा के शव को ढूंढने के लिए सांसद पाली पी.पी. चौधरी ने लिखर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

अत्याचार रोकने और बचाव कार्य दोनों में विफल राज्य सरकार

पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री पी.पी. चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुमेरपुर के कानुपरा गांव में दिनांक 27 सितम्बर, 2020 को निर्माणाधीन कुए में मिट्टी के धस जाने से दबे श्रमिक मूपाराम मीणा के शव का तुरन्त राज्य स्तर की टीम भेज कर निकवाने का अनुरोध किया और बताया कि 2 सप्ताह का समय बीत गया है, लेकिन आज दिनांक तक मूपाराम मीणा के शव को ढूंढा नहीं जा सका है। चौधरी ने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन इस कार्य में पूर्णतयाः नाकाम रहा है। मीणा समाज के विभिन्न संगठनों और अखबारों में छपी खबरों से ज्ञात हुआ है कि प्रशासन के पास इस कार्य के लिए बजट भी नहीं है। ऐसी स्थिती में स्थानीय जनता में काफी आक्रोश है। अतः आपसे अनुरोध है कि इस सम्बन्ध प्रदेश स्तर की टीम को भेजा जाए। इसके अतिरिक्त पत्र में इस कार्य के लिए बजट की पर्याप्त व्यवस्था कर श्रमिक मूपाराम के शव को जल्द से जल्द ढूंढवाकर परिवार का सूपर्द करने तथा श्रमिक के परिवार को उचित मुआवजा भी दिलवाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी अनुरोध किया।

           अपने दूसरे पत्र में सांसद चौधरी ने राजस्थान में पिछले कुछ महिनों से बढ़ रहे संगीन अपराधों की संख्या और खूले आम हो रही हत्याओं के बाद पुलिस द्वारा त्वरित/सख्त कार्यवाही नहीं हो पाने के कारण अपराधियो के हौसले और भी बुलन्द होने के बात कहीं। उन्होनें यह भी बताया कि प्रदेशभर मे चोरी, डकैती बलात्कार एवं अवैध, खनन जैसी अवैध गतिविधियों का ग्राफ बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। करौली जिले के सपोटरा इलाके में जमीन विवाद में जिन्दा जलाए गए पुजारी की मौत दिल दहलाने वाली घटना की निन्दा करते हुए चौधरी ने इस घटना को नागरिकों में भय व्याप्त करने वाली घटना है। इस घटना को भी स्थानीय अधिकारीयों द्वारा दोषियों को बचाने की कोशिश की खबरे सामने आई। इसी तर्ज पर अलवर में 13 साल की बच्ची को गोली मार कर हत्या व जयपुर के शिवादास पुरा में सरपंच प्रत्याशी पर तेजाब डालने जैसी घटनाओं को चौधरी ने दर्दनाख बताते हुए पत्र में प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाने हेतु एवं गंभीर प्रकरणों की शिघ्रता से निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को जल्द सजा दिलवाने, मृतकों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने के साथ-साथ पुलिस एवं प्रशासन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही के निर्देश देने का अनुरोध किया।


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