राजस्थान के स्किलिंग इकोसिस्टम को सशक्त बनाने पर हुआ वेबिनार

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Published on : 26 Sep, 20 05:09

उद्योगों को स्किलिंग में भागीदार बनने आगे आवें - डॉ नीरज पवन

राजस्थान के स्किलिंग इकोसिस्टम को सशक्त बनाने पर हुआ वेबिनार

उदयपुर  / एफआईसीसीआई और यूसीसीआई के तत्वावधान में उदयपुर पर केंन्द्रित राजस्थान के स्किलिंग इकोसिस्टम को सशक्त बनाने को लेकर वेबिनार का आयोजन हुआ। वेबिनार को संबोधित करते हुए राज्य के श्रम, कौशल, रोजगार और उद्यमिता विभाग के सचिव और आरएसएलडीसी अध्यक्ष डॉ नीरज कुमार पवन ने कहा की “राजस्थान सरकार ने स्किलिंग इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के लिए कई उपायों की घोषणा करते हुए उद्योग संघों, उद्योगों और विश्वविद्यालयों के लिए साझेदारी के लिए रास्ते तैयार किए हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपनी नवीनतम योजनाओं के माध्यम से युवा और श्रम बल की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग से संबंधित सभी प्रकार की पहल का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। हम उद्योग संघों सहित बड़े उद्योगों को आमंत्रित कर रहे हैं, जो स्किलिंग के लिए आरएसएलडीसी के साथ मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमने पहले ही उद्योग भागीदारों के साथ विभिन्न एमओयू किए हैं और हम कई और उद्योगों के साथ एमओयू करने के लिए तैयार हैं, जो कौशल विकास के काम के लिए तैयार हैं और प्लेसमेंट की जिम्मेदारी लेते हैं।
सरकार ऐसे उद्योग साझेदारों को कुछ प्लेसमेंट की प्रतिबद्धता के साथ प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने के लिए फण्ड प्रदान करेगी। हम राज्य में उपलब्ध उद्योग और जनशक्ति के बीच मैच मेकिंग के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। 50 लाख से अधिक का डेटा कौशल विवरण के साथ राज कौशल पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसमें आप सभी प्रकार के स्किल सेट के साथ कार्य बल पा सकते हैं। सभी उद्योगों को उपलब्ध कार्यबल से आवश्यक स्किल सेट के अनुसार लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
उदयपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी ने कहा कि राजस्थान अपने संसाधनों के मामले में हमेशा आत्मनिर्भर रहा है। आने वाले समय में राजस्थान एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरेगा। इस राज्य में उद्योगों की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। राज्य के औद्योगिकीकरण का समर्थन करने के लिए हमें कौशल विकास क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने कहा कि बढ़ते ऑटोमेशन के साथ उद्योग में काम करने के लिए आवश्यक कौशल भी प्रकृति में अधिक जटिल और तकनीकी होते जा रहे हैं। आरएसएलडीसी को प्रमाणित प्रशिक्षकों की सूची प्रदान करके उद्योग की सहायता करनी चाहिए, जिन्हें उद्योग आरएसएलडीसी योजना के तहत कवर किए गए कार्यक्रमों के संचालन के लिए आमंत्रित कर सकता है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की सीएसआर प्रमुख सुश्री अनुपम निधि ने कहा कि आईटीआई हमारे स्किल इकोसिस्टम की रीढ़ हैं और इंडस्ट्री 4.0 के लाभों को महसूस करने के लिए पाठ्यक्रम, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और उद्योग इंटरफेस में निवेश करने की आवश्यकता है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड स्किलिंग के लिए प्रतिबद्ध है और विशेष रूप से माइनिंग स्पेस से संबंधित कई कुशल कार्यक्रमों को लॉन्च किया है और अधिक से अधिक नए प्रोग्राम बनाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमने 110 गाँवों में समुदायों की मदद करने के लिए छोटी अवधि के स्कीलिंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जहाँ लगभग 2000 युवाओं को ट्रैन किया गया और लगभग 80ः को रोजगार भी दिलाया गया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान जिंक ने कोविड के बावजूद स्किलिंग कार्यक्रम देना जारी रखा है और 150़ युवाओं को रोजगार भी दिलाकर संबल प्रदान किया है।
फिक्की के चेयरमैन सुनील कुमार यादव ने बताया कि इस वेबिनार का उद्देश्य उदयपुर के उद्योग सदस्यों को जागरूक बनाने और राज्य सरकार के साथ साझेदारी करने का है। उन्होंने उल्लेख किया कि आत्मनिर्भर भारत के हमारे मिशन को प्राप्त करने के लिए, हमें उन उत्पादों और सेवाओं को बनाने की आवश्यकता है जो गुणवत्ता और कीमत के मामले में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं। उत्पादकता के ऐसे मानकों को प्राप्त करने के लिए, हमें एक कुशल कार्यबल की आवश्यकता होती है जो उत्पादन के अन्य कारकों के अलावा अपने वैश्विक साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।


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