प्रधानमंत्री ने की सभी देशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना 

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Published on : 25 Sep, 20 04:09

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट की प्रथम वर्षगांठ पर 'फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज' का मंत्र दिया : 'फिट इंडिया मूवमेंट' दरअसल 'हिट इंडिया मूवमेंट है . ,

प्रधानमंत्री ने की सभी देशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना 

-गोपेन्द्र नाथ भट्ट -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैं कि  फिट इंडिया मूवमेंट  एक साल के भीतर  जनता का अभियान  बन चुका है  और सकारात्मक भारत अभियान बन चुका है। देश में स्वास्थ्य  और फिटनेस  को लेकर निरंतर जागरूकता भी बढ रही है और आम अवाम की सक्रियता  भी बढ़ी है। मुझे खुशी है कि योग, आसन, व्यायाम, वॉकिंग, रनिंग, स्‍वीमिंग स्वास्थ्य खान पान की आदतें , स्वास्थ्य जीवन शैली , अब ये हमारी प्राकृतिक चेतना का हिस्सा बन रहा है।

मोदी ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट ने अपना एक साल एक ऐसे समय में पूरा किया है जिसमें से करीब-करीब 6 महीने हमें अनेक प्रकार के प्रतिबंधों  के बीच  से गुजारना  करना पड़ा है। लेकिन फिट इंडिया मूवमेंट ने अपने प्रभाव और प्रासंगिकता को इस कोरोनाकाल में सिद्ध करके दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाकई, फिट रहना उतना मुश्किल काम नहीं है जितना कुछ लोगों को लगता है। थोड़े से नियम से, और थोड़े से परिश्रम से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। 'फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज' इस मंत्र में सभी का स्वास्थ्य, सभी का सुख छिपा हुआ है। फिर चाहे योग हो, या बैडमिंटन हो, टेनिस हो, या फुटबाल हो, कराटे हो या कबड्डी, जो भी आपको पसंद आए, कम से कम 30 मिनट रोज़ कीजिये। युवा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर फिटनेस प्रोटोकॉल भी जारी किया है।

उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में फिटनेस  को लेकर जागरूकता बढ़ी  है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी खानपान ,शारीरिक गतिविधियों  और स्वास्थ्य  के सामान्य में वैश्विक रणनीति बनाई है। शारीरिक गतिविधियों  पर  सिफारिशें भी जारी की  हैं। आज दुनिया के अनेक देशों ने फिटनेस को लेकर नए लक्ष्य बनाए हैं और उन पर अनेक मोर्चों पर वे अनेक प्रकार के काम कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका, ऐसे अनेक देशों में इस समय बड़े पैमाने पर फिटनेस का अभियान चल रहा है।  उनके ज्यादा से ज्यादा नागरिक परिदिन शारीरिक व्यायाम  और कसरत के रूटीन से जुड़ें हैं ।

मोदी ने कहा कि  हमारे आयुर्विज्ञान शास्त्रों में कहा गया है-"सर्व प्राणि भृताम् नित्यम्आयुः युक्तिम् अपेक्षते।दैवे पुरुषा कारे च स्थितम् हि अस्य बला बलम्॥"अर्थात, संसार में श्रम, सफलता, भाग्य, सब कुछ आरोग्य पर, स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता है। स्वास्थ्य है, तभी भाग्य है, तभी सफलता है। जब हम नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, खुद को फिट और मजबूत रखते हैं। एक भावना जागती है कि हाँ हम स्वयं के निर्माता हैं। एक आत्मविश्वास आता है। व्यक्ति का यही आत्मविश्वास उसको जीवन के अलग अलग क्षेत्रों में भी सफलता दिलाता है। यही बात परिवार, समाज और देश पर भी लागू है, एक परिवार जो एक साथ खेलता है, एक साथ फिट भी रहता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कोरोना महामारी के दौरान कई परिवारों ने यह प्रयोग  करके देखा है। साथ में खेले,  साथ में योग –प्राणायाम किया, व्यायाम  की, मिलकर पसीना बहाया। अनुभव यह आया की यह फिजीकल फिटनेस   के लिए तो उपयोगी बना ही लेकिन उसका एक और बाई प्रोडक्ट के रूप में भावनात्मक जुड़ाव , बेहतर आपसी समझ  , परस्पर सहयोग  जैसी अनेक बातें भी परिवार की एक ताकत बन गई। सहजता से उभर करके आई। आम तौर ये भी देखने में आता है कि कोई भी अच्छी आदत होती है, उसे हमारे माता-पिता ही हमें सिखाते हैं। लेकिन फिटनेस के मामले में अब थोड़ा उल्टा हो रहा है। अब युवा ही पहल  कर  रहे हैं, और माता-पिता को भी व्यायाम  करने, खेलने के लिए प्रेरित  करते हैं।
उन्होंने कहा कि  हमारे यहां कहा गया है-मन चंगा तो कठौती में गंगा। ये संदेश आध्यात्मिक और सामाजिक दृस्टि तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन इसके और भी गहरे निहितार्थ भी हैं जो हमारे  दैनिक जीवन के लिए यह बहुत जरूरी है। इसका एक ये भी मतलब है कि, हमारा  मानसिक स्वास्थ्य  भी बहुत महत्वपूर्ण  है यानि, स्वस्थ्य दिमाग से ही स्वस्थ शरीर बनता हैं  इसका उल्टा भी उतना ही सही है। जब हमारा मन चंगा होता है, स्वस्थ होता है तो ही शरीर भी स्वस्थ रहता हैं और  मन को स्वस्थ रखने का  एक दृश्टिकोण  है, मन को विस्तार देना। संकुचित " मैं " से आगे बढ़कर जब व्यक्ति परिवार, समाज और देश को अपना ही विस्तार मानता है उनके लिए काम करता है तो उसमें एक आत्मविश्वास आता है, मानसिक दृढ़ता  बनने के लिए ये एक बड़ी जड़ी-बूटी का काम करता है और इसीलिये स्वामी विवेकानंद ने कहा था -दृढ और मजबूत  मनोस्थिति  ही जीवन हैं ,जबकि कमजोरी, मृत्यु के  समान हैं यानि  "विस्तार ही जीवन है, संकुचन मृत्यु है। मोदी ने अपील की कि  सभी लोग अपने ज्ञान,  हुनर ,शारीरिक रूप से दूसरों की मदद  आदि रचनात्मक प्रवृतियां करे।  उन्होंने कहा कि कुछ भी कीजिए ,लेकिन कीजिए ज़रूर।
मोदी ने कहा कि  मुझे भरोसा है देशवासी फिट इंडिया मूवमेंट से और ज्यादा से ज्यादा जुड़ते रहेंगे और हम सब भी मिलकर लोगों को जोड़ते रहेंगे। 'फिट इंडिया मूवमेंट' दरअसल 'हिट इंडिया मूवमेंट' भी है। इसलिए, जितना इंडिया फिट होगा, उतना ही इंडिया हिट होगा। इसमें आप सभी के प्रयास हमेशा की तरह देश की बहुत मदद करेंगे।
उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि  फिट इंडिया मूवमेंट को एक नया बल दें, नए संकल्‍प के साथ आगे बढ़ें, फिट इंडिया व्‍यक्ति-समस्ति का एक पूरा सिलसिला चले,चलता रहें  ।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारत के क्रिकेट  कप्तान विराट कोहली और अन्य लब्ध प्रतिष्ठित खिलाडियों से वर्चुअल रूप से ऑनलाइन बात कर फिट इंडिया अभियान के सम्बन्ध में उनके विचार भी साँझा किये  ।  

 


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