आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सार्वभौम स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में महत्वपूर्ण कदमः डॉ. हर्ष वर्धन

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Published on : 24 Sep, 20 04:09

डॉ. हर्ष वर्धन ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ पर आरोग्य मंथन की अध्यक्षता की

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सार्वभौम स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में महत्वपूर्ण कदमः डॉ. हर्ष वर्धन

नई दिल्ली  (नीति गोपेन्द्र भट्ट) |  केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ पर आरोग्य मंथन 2.0 की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित रहे।

डॉ. हर्ष वर्धन ने इस योजना को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 53 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर उन्हें माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के अंतर्गत अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा दे रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कल देर शाम समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 15,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मुफ्त उपचार किए गए हैं। इससे बेहद गरीब लोगों को स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले बड़े खर्च से बचा कर ऐसे परिवारों के लोगों की जान बचाई गई। कुल मिलाकर लगभग 6 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से नीचे के हैं। लगभग आधे लाभार्थी बालिकाएं और महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के सफल संचालन से मुझे जो खुशी मिल रही है, उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को सहायता दी जाती है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि इन दो वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1.26 करोड़ लाभार्थियों का निःशुल्क उपचार किया गया है। इस योजना में 23,000 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध है और अब तक 12.5 करोड़ ई-कार्ड जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इस्तेमाल की गई कुल राशि का 57 प्रतिशत कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग और नवजात शिशु रोग जैसी प्रमुख बीमारियों के उपचार के लिए खर्च किया जाता है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सार्वभौम स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसके अंतर्गत देश की कुल आबादी के बड़े भाग को उन्नत उपचार सुविधाएं दी जा रही हैं। लाभार्थियों से प्राप्त अनुभव और प्रतिक्रिया हमारी शक्ति बनती है, जिससे हम इस योजना को और अधिक ऊर्जा के साथ लागू करने का काम करते हैं। इस योजना की विदेशों में सराहना की जाती है, जबकि अस्पतालों में लाभार्थियों के लिए विशेष व्यवस्था है। 11 करोड़ परिवारों यानी 55 करोड़ लोगों को उन्नत उपचार की निःशुल्क सुविधाएं मिल रही हैं। इस कार्य की टेक्नोलॉजी के जरिए दिल्ली में निगरानी की जाती है। स्वास्थ्य को मानवाधिकार का अंग कहा जा सकता है। हम देश में 1,50,000 स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्र स्थापित कर रहे हैं। छोटे देशों में सार्वभौम देखभाल का लक्ष्य हासिल करना आसान हो सकता है, लेकिन भारत जैसे विशाल देश में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हम बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सूचीबद्ध अस्पतालों में 45 प्रतिशत निजी अस्पताल है, जहां कुल उपचार 52 प्रतिशत कार्य किया जाता है और इन अस्पतालों में कुल दाखिलों का 61 प्रतिशत भाग बनता है। उन्होंने इस योजना का लाभ देश के किसी भी भाग में प्राप्त करने की विशेषता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “कोई भी पात्र रोगी किसी भी राज्य में इस योजना का लाभ उठा सकता है और उसे सूचीबद्ध अस्पतालों में नकदीरहित उपचार मिलता है। यह सुविधा प्रवासी जनसंख्या को नजदीकी सूचीबद्ध अस्पतालों से उपचार प्राप्त करने में मददगार हो रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का क्षमता निर्माण दृष्टिकोण प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने 32 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को योजना में शामिल होने के लिए बधाई दी। केन्द्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को अमल में लाने में सहायक आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।

केन्द्रीय मंत्री ने एबी-पीएमजेएवाई ज्वाइंट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम की शुरुआत की। उन्होंने एबी-पीएमजेएवाई एंटी-फ्रॉड फ्रेमवर्क प्रैक्टिशनर गाइडलुक का भी विमोचन किया। इस गाइडबुक से राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के क्षमता निर्माण और इन एजेंसियों को धोखाधड़ी की रोकथाम, पता लगाने और नियंत्रण के लिए कारगर उपाय करने में सहायता मिलेगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा इस वर्ष इस बात फोकस किया जाएगा कि पीएम-जेएवाई नेटवर्क आबादी के उन ऐसे समूहों को उपचार सुविधाएं प्रदान कर सके, जो कि इससे अभी वंचित हैं। ये समूह हैं- कूड़ा बीनने वाले, सड़क दुर्घटना से पीड़ित लोग, ट्रक चालक आदि। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के साथ मिलकर आयुष्मान भारत योजना देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का स्तम्भ बनेगी और सुरक्षित, समय पर, गुणवत्तापूर्ण और वाजिब उपचार सुविधाएं प्रदान करने का दायरा बढ़ा सकेगी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पीएम-जेएवाई सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज का दायरा बढ़ाने में सहायक होगी। श्री चौबे ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया के सपने को साकार करेगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण-एनएचए के सीईओ डॉ. इंदु भूषण और स्वास्थ्य मंत्रालय तथा एनएचए के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 


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