5001 आदर्श सोसायटी पीडितो ने लगाई राजस्थान हाईकोर्टसे न्याय की गुहार

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Published on : 22 Sep, 20 08:09

सोसायटी संचालको और सरकार के अनदेखी का खामियाजा क्यों भुगते निवेशक…..

5001 आदर्श सोसायटी पीडितो ने लगाई राजस्थान हाईकोर्टसे न्याय की गुहार

कोरोना काल की इस महामारी में जहा आज पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है वहीदेश भर में आदर्श क्रेडिटकोओपरेटिवसोसायटी केकरीब 21 लाख से अधिक निवेशको को विगत ढाई वर्षो से उनकी निवेश राशि का भुगतान नही हो रहा है I देश भर में स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन और केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाये जाने पर भी निवेशको के हितो की अनदेखी की जा रही है वही सोसायटी के प्रमोटर मंडलमुकेश मोदी और राहुल मोदी  द्वारा भी इन ढाई वर्षो में निवेशको को उनकी राशि लौटाए जाने के संदर्भ में कोई भी स्पष्टीकरण नही दिया जा रहा है इस अवस्था में निवेशको ने राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर रुख किया है I भारत वर्ष के 840 निवेशको ने संयुक्त रूप से राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठजोधपुर में रिट याचिका चम्पालाल बनाम भारत संघ के अनवान से प्रस्तुत कर अपने अधिकारों के संरक्षण हेतु  न्याय की गुहार लगाई है Iयाचिकाकर्ताओ के एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी ने बताया की केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा नियमो से परे जाकर आदर्श सोसायटी के परिसमापन का आदेश जारी कर दिया जिस कारण भारत देश के 21 लाख निवेशको के जीवन भर की पूंजी उलझ गयी है,  तत्पश्चात राजस्थान सरकार द्वारा दी बेनिंगअनरेगुलेटेडएक्ट प्रदेश भर में लागू किया गया जिसके अंतर्गत वर्तमान में केवल राजस्थान राज्य से पंजीकृत सोसायटियो पर ही कार्यवाही की जा सकती है, इस रूप में आदर्श सोसायटी के मल्टीस्टेट होने से यह कानून मल्टीस्टेटसोसायटियो पर कारगर साबित नही हो रहा है, जिस कारण इस माह राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मल्टीस्टेटकोओपरेटिवसोसायटी के संदर्भ में कार्यवाही करने हेतु वृहद अधिकार की मांग हेतु केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है किन्तु विगत ढाई वर्षो में निवेशको के हाथ निराशा ही लगी है, जिस कारण निवेशको को मात्र राजस्थान उच्च न्यायालय ही एक मात्र विकल्प नजर आ रहा है I एडवोकेट नरेन्द्रजोशी ने बताया की राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रस्तुत होने वाली रिट याचिकाओं के अंतर्गत चम्पालाल बनाम भारत संघ में 840, ललित कुमार व्यास बनाम भारत संघ में 1573 और लक्ष्मी नारायण पाटीदार बनाम भारत संघ के अंतर्गत 2588 निवेशको ने मिल संयुक्त रूप से 5001 निवेशको ने रिटयाचिकाए प्रस्तुत करते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा केन्द्रीय रजिस्ट्रार, भारत सरकार के साथ सीरियसफ्रॉडइन्वेस्टिगेशन कार्यालय, पुलिस अधीक्षक एसओजी एवं ए टी एस,  आदर्श क्रेडिटसोसायटी प्रबंध निदेशक एवं आदर्श सोसायटी पर नियुक्त लिक्विडेटरएच एस पटेल को पक्षकार बनाते हुए न्यायालय से राहत मागी है की उन्होंने भारत सरकार द्वारा दिए रजिस्ट्रेशन और विभागों द्वारा प्रदत्त ए श्रेणी सर्वोत्तम प्रमाण पत्र को देख अपने जीवन की सम्पूर्ण जमा पूंजी करोड़ो रुपयों का निवेश उक्त सोसायटी में कर दिया, सोसायटी के प्रमोटर्स मंडल के गिरफ्तार होने एवं न्यायिक अभिरक्षा में होने से एवं आदर्श सोसायटी के विरुद्ध चल रही विभिन्न जांचो के चलते सोसायटी की भारत वर्ष में चल रही 800 से अधिक शाखाए बंद हो चुकी हो परिसमापन की कार्यवाही भी शून्य पड़ी है इस अवस्था में केवल पीड़ित निवेशको के पास मात्र यही विकल्प शेष रहा है की वह माननीय न्यायालय के आदेश से अपने अधिकारों का संरक्षण कर सके Iराजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश सांखला के अनुसार मल्टीस्टेटक्रेडिटसोसायटियो के संदर्भ में निवेशको के पास मात्र यही उचित विकल्प है की सोसायटी निवेशक उच्च न्यायालय में रिट के माध्यम से राहत प्राप्त कर सकते है क्यूंकिसोसायटी के सदस्य उपभोक्ता की श्रेणी में नही आते है और मल्टीस्टेटकोओपरेटिवसोसायटीएक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत निवेशक सोसायटी पर निवेश राशि की वसूली हेतु सिविल मुकदमे भींसंस्थितनही कर सकते है इस अवस्था में पीड़ित निवेशको के पास मात्र यही विकल्प शेष रहा है की उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर अपने अधिकारों के संरक्षण का आदेश प्राप्त करते हुए राहत प्राप्त कर सके I


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