कोविड-१९ के कारण न्यायिक कार्यवाही पर प्रभाव

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Published on : 22 Sep, 20 04:09

समय पूर्व सेवानिवृति, कोविड-१९ के कारण न्यायिक कार्यवाही पर प्रभाव, व डेडिकेटेड फे्रेट कॉरिडोर  को लेकर लोकसभा में पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री पी.पी. चौधरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, विधि मंत्रालय व रेल मंत्रालय से पूछे प्रश्न

कोविड-१९ के कारण न्यायिक कार्यवाही पर प्रभाव

अतारांकित प्रश्न के माध्यम् से पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री पी.पी. चौधरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछे प्रश्न में ३० वर्षों की सेवा पूरी सरकारी कर्मचारी/अधिकारियों को कम्पलसरी सेवानिवृत करने के बारे में प्रश्न पूछा, जिसके प्रत्युतर में बताया कि मूल नियम (एफआर) ५६(जे) केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम १९७२ के नियम ४८ और अखिल भारतीय सेवाएं नियम १९५८ के तहत सरकारी कर्मचारियों की समीक्षा के लिए निर्देश मौजूद है। सरकार का प्रयास है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की सेवा शर्तों की समय-समय पर समीक्षा की जाए ताकि प्रदर्शन में सुधार और प्रशासन में कार्यकुशलता और पारदर्शिता लाने की चुनौतियों का उत्तर दिया जा सके।

विधि और न्याय मंत्रालय से पूछे प्रश्न में सांसद चौधरी ने उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायालयों में कोविड-१९ के कारण न्यायिक कार्यवाही को चलाए रखने के लिए किए गए प्रबन्धों के बारे में जानकारी मांगी और कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने हेतु टेलीविजन प्रसारण चैनल स्थापित करने की योजना के बारे मे पूछा। प्रत्युतर में बताया कि लाकडाउन की घोषणा के पश्चात् माननीय उच्चतम न्यायालय तथा संबंधित न्यायलयों द्वारा स्थानीय दशाओं पर निर्भर रहते हुए वर्चुअल या वास्तविक ढंग में सिविल और आपराधिक मामलों की तत्काल सुनवाई के लिए अधिनस्थ न्यायालयों को उनकी प्रशासनिक अधिकारिता के भीतर समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी विडियो कांफ्रेसिंग के माध्ययम से न्यायलय की सुनवाई के लिए विधिक सुचित और वैधता प्रदान करने के लिए दिनांक ०६ अप्रैल २०२० को एक व्यापक आदेश जारी किया है। कोविड-१९ प्रबंधन के लिए हाल की में एक नया साफटवेयर पैच और न्यायालय प्रयोक्ता मैनुअल को विकसित किया है।

सांसद चौधरी द्वारा रेल मंत्रालय से पूछे प्रश्न में समर्पित मालभाडा गलियारा परियोजना (डी.एफ.सी) को कब तक पूरा किए जाने के बारे में जानकारी पूछी, जिसके प्रत्युतर में रेल मंत्रालय द्वारा दो समर्पित माल यातायात गलियारों अर्थात पूर्वी डीएफसी और पश्चिम डीएफसी वस्तूस्थिती बताते हुए कहा कि दोनों गलियारों को जून २०२२ तक अलग-अलग चरणों में शुरू किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक इडीएफसी में ९७.६ प्रतिशत और डब्लूएफसी में ९९.८५ प्रतिशत भूमि अधिग्रहित कर ली गई है। शेष भूमि के शीघ्र अधिग्रहण के लिए राज्य सरकारों के साथ नियमित अनुवर्ती बैंठके की जा रही है, और राज्यों द्वारा अपेक्षित सहयाग दिया जा रहा है।


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