डॉ हर्ष वर्धन ने ग्रुप 20 वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया

( 15957 बार पढ़ी गयी)
Published on : 18 Sep, 20 04:09

 ‘’महामारी की और अधिक सुधरी तैयारियों के लिए कारगर स्वास्थ्य प्रणाली विकसित किए जाने पर फोकस की आवश्यकता’’ डॉ हर्ष वर्धन 

डॉ हर्ष वर्धन ने ग्रुप 20 वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया

नई दिल्ली (नीति गोपेन्द्र भट्ट)  | केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने आज विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। सऊदी अरब ने जी-20 समूह की इस बैठक की अध्यक्षता की।

डॉ हर्ष वर्धन ने जन स्वास्थ्य में निवेश की आवश्यकता पर बल दिया, इस दृष्टिकोण पर भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले ही काम किया जा रहा है।

 केंद्रीय मंत्री के भाषण का पाठ्य निम्नलिखित है:

 अध्यक्ष एवं माननीय मंत्री

वर्तमान महामारी और इससे उत्पन्न वैश्विक संकट से राष्ट्रीय और वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता उजागर होती है।

कोरोना महामारी के फैलाव को समतल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय, बहुक्षेत्रीय सहयोग की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विश्व भर में स्वास्थ्य प्रणालियों में कोविड-19 के जटिल मामलों के समाधान की पर्याप्त क्षमता बनाए रखें और विश्व की जनसंख्या में निर्बल और बुजुर्ग मरीजों की रक्षा कर सकें।

हमें  महामारी की और अधिक सुधरी तैयारियों के लिए कारगर स्वास्थ्य प्रणाली विकसित किए जाने पर फोकस करने की आवश्यकता होगी। सभी अन्य कार्य योजनाएं महामारी के लिए कार्रवाई ही हैं, जबकि एक बेहतर तरीके से विकसित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली महामारी पर काबू पाने में मदद दे सकती है।

 ये सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है कि कोविड-19 निदान, थेरेपियोटिक और वैक्सीन तक पहुंच उचित और समान हो। कोरोना से सुरक्षा की पहुंच में भुगतान की क्षमता कारण नहीं बननी चाहिए।

भारत के पास कम खर्च की गुणवत्ता विनिर्माण का इतिहास रहा है जो मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड के प्रयास में भूमिका निभाता रहेगा और वितरण के प्रबंधन में पूरी तरह अनुसंधान विकास और डिजिटल क्षमता में सहायक सिद्ध होगा।

 हमें कोविड-19 टूल एक्सलरेटर तक पहुंच जैसे वर्तमान कार्यक्रमों से लाभ उठाने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करना होगा कि निदान थेयोरेपेटिक और वैक्सीन तक समान वैश्विक पहुंच हो और स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत बने।

पिछली महामारी के खिलाफ जैसे कि 2003 में सार्स और 2013-14 में इबोला से निपटने के अनुभवों से प्रेरित वैश्विक एकजुटता रोग और मृत्यु को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है। नेतृत्व और सामूहिक प्रयास के उदाहरणों को भविष्य में पालन करने के लिए माना जाना चाहिए। महामारी की गति को समतल बनाने के वैश्विक प्रयासों ने रोग के उदगम और निगरानी में खुला संचार और पारदर्शिता महत्वपूर्ण होगी।

भारत संकट के समय में सार्वभौम स्वास्थ्य देखभाल कवरेज के प्रति वचनबद्ध है। भारत लोगों की जान  बचाने और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को शीघ्र बहाल करने के साझा मिशन को हासिल करने के लिए विश्व के साथ खड़ा है।

यह समय निर्णायक जन स्वास्थ्य नेतृत्व और कोविड-19 के बाद के समय की चुनौतियों से निपटने का भी है।

जनस्वास्थ्य नेतृत्व को सीमाओं से आगे देखना होगा। किसी भी सीमा की परवाह नहीं करने वाले वायरस के खिलाफ जंग में वैश्विक अनुभव से केवल सीखने से क्या हम अब तक गंवाई जानों का सम्मान कर सकते हैं और वर्तमान तथा भावी मरीजों के लिए जान बचाने के उपायों को लागू कर सकते हैं।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.