संस्कृत भारती चितौडप्रान्त द्वारा सप्तदिवसीय निशुल्क ज्योतिष परिचय वर्ग का आयोजन

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Published on : 09 Sep, 20 04:09

संस्कृत भारती चितौडप्रान्त द्वारा सप्तदिवसीय निशुल्क ज्योतिष परिचय वर्ग का आयोजन

संस्कृत भारती चितौडप्रान्त द्वारा सप्तदिवसीय निशुल्क ज्योतिष परिचय वर्ग का आयोजन दिनांक 07-09-2020 से 13-09-2020 तक आनलाईन माध्यम से किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन आज  दिनांक 08-09-20, मंगलवार  को किया गया।

महानगर संपर्क प्रमुख डॉ हिमांशु भट्ट ने बताया कि उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जगदगुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार शर्मा, अध्यक्षता श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, निम्बाहेडा के चेयरपर्सन श्री कैलाश चन्द्र मूंदडा जी ने की, विशिष्ठ अतिथि वर्ग संयोजक डॉ चन्द्रकान्त शर्मा, प्रान्त संघठन मंत्री देवेंद्र पण्ड्या आदि रहे। 
 महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया द्वारा ध्येय मंत्र से शुभारम्भ किया गया। अतिथि परिचय एवं स्वागत संस्कृतभारती के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा द्वारा कराया गया।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री बूंदी से संगीता राठौड़ ने संस्कृत में किया।
 मुख्य अतिथि प्रो डॉ विनोद कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में ज्योतिष को वेद का प्रमुख अंग बताते हुए कहा की ज्योतिष शास्त्र अपने आप में वैज्ञानिक शास्त्र है, जो अपने ज्ञान के भण्डार के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि ज्योतिषशास्त्र  प्राणी मात्र के लिए अत्यंत उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण रहा है । यह मानव जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक के लिए विविध प्रश्नों का समाधान व सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करता है।  आज ज्योतिष के माध्यम से जीविका का निर्धारण , रोग का परिज्ञान व कृषि कार्य के साथ-साथ मौसम विज्ञान आदि का निर्देशन भी ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से होता है। ज्योतिष शास्त्र आज मनोविज्ञान के रूप में भी मानव जीवन के कष्टों को दूर करने का कार्य कर रहा है, साथ ही उन्होंने इस अवसर पर ज्योतिषशास्त्र  पर अधिकाधिक शोध करने की आवश्यकता जताई।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कैलाश चन्द्र मूंदड़ा ने कहा कि संस्कृत भारती के द्वारा शास्त्रों के संरक्षण व संस्कृत प्रचार प्रसार के लिए जो कार्य किया जा रहा है, वह वास्तव में भारतीय सभ्यता व संस्कृति को बनाए रखने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।श्रीकल्लाजी  वैदिक विश्वविद्यालय  की ओर से भी संस्कृतभाषा व शास्त्रों के संरक्षण के लिए जो भी कार्य करना होगा वह संस्कृत भारती के  साथ   मिलकर करेगें । उन्होंने संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं को इस प्रशंसनीय व पुण्य कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
 उद्घाटन सत्र के पश्चात प्रथम दिवस के वक्ता व वर्ग संयोजक डॉ. चन्द्रकान्त शर्मा ने सात दिनो की  कार्य योजना को बताते हुए कहा कि काल का विशिष्ट विवेचन ज्योतिष शास्त्र में मिलता है, साथ ही ज्योतिष शास्त्र के उद्भव एवं परिचय पर अपना विशिष्ट व्याख्यान प्रस्तुत किया।
साथ ही इस अवसर पर प्रान्त संघठन मंत्री देवेंद्र पण्डयाॅ ने  संस्कृत भारती का परिचय बताते हुए कहां की  कोरोना के विकट काल में  देशभर  में संस्कृत भारती कार्यकर्ताओ द्वारा  संस्कृत सम्भाषण के  साथ-साथ  संस्कृत शास्त्रों का  अध्ययन -अध्यापन  का कार्य  हजारो  निशुल्क  वर्गो  के माध्यम से लाखो शिक्षार्थियो के  लिए किया जा रहा है संस्कृत व समाज सेवा के रूप में संस्कृतभारती निरन्तर कृत संकल्पित है।
 अन्त में धन्यवाद ज्ञापन अजमेर से अनिरुद्ध सिंह ने किया एवं कल्याण मन्त्र के साथ कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया।
 इस अवसर पर उदयपुर से प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा, विभाग संयोजक दुष्यंत नागदा, जिला संयोजक संजय शांडिल्य, सहसंयोजक चेंन शंकर दशोरा, महानगर संयोजक नरेंद्र शर्मा, महानगर प्रचार प्रमुख रेखा सिसोदिया, संपर्क प्रमुख हिमांशु भट्ट, पत्राचार प्रमुख मंगल जैन, शिक्षण प्रमुख डॉ रेनू पालीवाल, दुष्यंत कुमावत आदि उपस्थित रहे।

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