अब फूल मालाओं से बनेगी अगरबत्ती, बनाने का बीड़ा उठाया एम स्क्वायर फाउण्डेशन ने  

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Published on : 09 Aug, 20 11:08

महिलाओं को मिलेगा रोजगार,झीलें होगी प्रदुषण से मुक्त

अब फूल मालाओं से बनेगी अगरबत्ती, बनाने का बीड़ा उठाया एम स्क्वायर फाउण्डेशन ने  

उदयपुर। अपनी श्रद्धा को प्रकट करने के लिये प्रतिदिन हम भगवान की प्रतिमा, तस्वीर पर माला चढ़ा देते है और अगले दिन सूख जाने पर उसको या तो नाले में फेंक देते है या झील में बहा देते है लेकिन हमनें आज तक यह नहीं सोचा कि ये फूल भी किसी के लिये रोजगार का साधन बन सकता है। देश में प्रतिदिन हजारों टन मालायें भगवान के चढ़ती है और वे झीलों में प्रवाहित होकर झीलों को प्रदुषित करती है।  

एम स्क्वायर फाउण्डेशन ने भगवान के चढ़ने के बाद व्यर्थ हुई इन मालाओं से अगरबत्ती जैसा प्रोडक्ट बनाने का बीड़ा उठाते हुए उससे सैकड़ों महिला-पुस्ष को रोजगार देने की निश्चय किया हैै।

 

 

इन अक्सर अपने अपने घरों पर पड़ी हुई ऐसी वस्तुएं देखी होंगी लेकिन शायद ही कभी आपको यह ख्याल आया हो इन्हें मेटल मार्ट वालों को न देकर किसी जरूरतमंद को दे दिया जाए। हो सकता है कि आप में से किसी ने इस बारे में सोचा हो और यह पहल की भी हो, लेकिन शायद ही कोई हो जिसने इसे बड़े स्तर पर करने का सोचा हो। इसके अलावा अपने घर पर पड़े हुए पुराने कपड़ों को तो हम किसी न किसी को पहनने के लिए दे देते हैं लेकिन शायद ही हमारे लिए यह कभी मुमकिन हो पाया हो कि हमने कई लोगों के घरों से कपड़े इकट्ठे करके बस्ती में बांटे हो, लेकिन राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एम स्क्वायर फाउंडेशन की पहल बीइंग मानव के जरिए यह नेक काम किया जा रहा है।

 

 

चढ़ी फूल मालाओं से बनेगी अगरबत्ती, 

मिलेगा रोजगार 

 

फाउण्डेशन के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि एम स्क्वायर फाउंडेशन की पहल हमेशा से लोगों को हुनरमंद बना कर रोजगार देने की भी रही है। इसी के तहत मंदिरों में चढ़ी हुई फूल मालाओं और अर्पित फूलों से भी अगरबत्ती बनवाने का कार्य प्रस्तावित है। जिसके तहत इन फूलों का पाउडर बनाकर हर्बल अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जायेगा। पहल के तहत गरीब महिलाओं को जोड़ा जाएगा एवं उनसे विभिन्न मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों को एकत्रित करवाने का कार्य करवा उसका पाउडर बनाकर अगरबत्ती बनाने का कार्य सिखाया व करवाया जाएगा, ताकि महिलाओं को नये स्किल से रूबरू होते हुए रोजगार प्राप्त कर सकें। इस कार्य से होने वाली आय उन गरीब महिलाओं में बंाटी जायेगी और उसका कुछ हिस्सा अन्य सामाजिक कार्यों में भी खर्च किया जायेगा।

 

 

जेल अगरबत्ती पहल शुरू 

ताकि कैदियों के परिवार जी सके बेहतर जिंदगी

 

 

इस कार्य को अमलीजलामा पहनाने से पूर्व एम स्क्वायर फाउंडेशन की ओर से एक विशेष पहल के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और अर्चना अगरबत्ती के साझे में केन्द्रीय कारागृह उदयपुर में जेल अगरबत्ती भी शुरू की गई है। इस कार्य में उदयपुर सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों के द्वारा अगरबत्ती पैकिंग एवं मेकिंग का कार्य करवाया जा रहा है, जिसके बदले में महिलाओं को जेल नियमों के तहत दैनिक मजदूरी एवं लाभ का शत प्रतिशत हिस्सा दिया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि जेल में बंद महिलाओं के परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सके एवं उनके बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें,  साथ ही महिलाएं भी नई स्किल्स सीख सकें और सजा पूरी होने के बाद एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें।

 

 

हजारों लोगों को वितरीत किये जा चुके है अनपयोगी वस्त्र-

 

 फाउण्डेशन की ही एक अन्य संस्था बीइंग मानव पहल के तहत लोगों के घरों पर पड़ी हुई अनुपयोगी वस्तुएं जिनका उपयोग घर वाले नहीं कर रहे हैं, ऐसी वस्तुओं को बीइंग मानव की टीम मिलकर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम पिछले 2 सालों से कर रही है।  जिसके तहत अब तक करीब एक लाख से ज्यादा पुराने व नए कपड़ों व करीब 10 हजार से ज्यादा पुरानी वस्तुओं यथा स्टेशनरी, खिलौने, छतरी, बैग आदि को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया गया है।

 

 

बीइंग मानव की ओर से इस कार्य के लिए विभिन्न समाजों व संस्थाओं से संपर्क कर उनसे जुड़े लोगों के घरों से उपयोगी वस्तुएं एकत्र की जाती है और बीइंग मानव की टीम जाकर उदयपुर शहर के आसपास की ऐसी बस्तियों, जहां पर जरूरतमंद लोग रहते हैं, को बांट दी जाती है।

 

 

 

खुशियों की गाड़ी ला रही मुरझायें चेहरों पर मुस्कान-

 

एम स्क्वायर फाउंडेशन की ओर से चलाये जा रहे खुशियों की गाड़ी नामक अभियान के तहत हर माह की 23 तारीख को शक्ति नगर कॉर्नर पर एक स्टॉल लगाई जाती है, जहां पुराने कपड़े पैक कर व्यवस्थित ढंग से रखे जाते हैं और वहां से गुजरने वाले लोगों को देते हुए यह आग्रह किया जाता है कि उनके आसपास रहने वाले ऐसे लोग जिनके पास पहनने को कपड़े नहीं है, उन्हें यह कपड़े वितरित कर दिए जाए। इसके अलावा स्टॉल से भी कई जरूरतमंद लोग पुराने कपड़ों को पहनने के लिए ले जाते हैं।

 

 

प्रस्तावित बीइंग मानव फूड आउटलेट पर गरीबों को मिलेगा मुफ्त भोजन-

 

एम स्क्वायर फाउंडेशन की ओर से प्रस्तावित बीइंग मानव फूड आउटलेट चेन के तहत पूरे देश में बीईंग मानव फूड आउटलेट खोले जाऐंगे। जिसके तहत हर शहर में एक बीइंग मानव फूड वैन चलेंगी जोकि शहर के विभिन्न चैराहों पर रह रहे भिखारियों और गरीबों को मुफ्त में भोजन देने का कार्य करेगी ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहंे।

 

 

 

अधिक से अधिक लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरना लक्ष्य-

 

माधवानी ने बताया कि फाउण्डेशन का लक्ष्य अधिकाधिक लोगों के चेहरों पर मुस्कान लानें का है। इसके लिए पिछले 10 वर्षों से विभिन्न माध्यमों से प्रयास किये जा रहे है। फाउंडेशन की कोशिश रहेगी कि सभी पहल को उदयपुर से बाहर विभिन्न जिलों और राज्यों तक ले जाया जायें ,उसके लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है और कई योजनाएं प्रस्तावित है। अभी बीइंग मानव की टीम में 23 वालंटियर्स है, जो भी अपनी निस्वार्थ सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न प्रमुख समाज, संगठन भी जुड़कर समाज सेवा के इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। सबके आपसी सहयोग से यह कारवां आगे बढ़ रहा है।

 

 


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