पिता-पुत्र के देहदान संकल्प से,परिवार में संस्कार बनेगा देहदान

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Published on : 07 Aug, 20 15:08

पिता ने स्वयं के जन्मदिवस पर,पुत्र सहित लिया देहदान का संकल्प

पिता-पुत्र के देहदान संकल्प से,परिवार में संस्कार बनेगा देहदान

पिता-पुत्र ने लिया देहदान संकल्प

पिता ने स्वयं के जन्मदिवस पर,पुत्र सहित लिया देहदान का संकल्प

पिता-पुत्र के देहदान संकल्प से,परिवार में संस्कार बनेगा देहदान

 

68 वर्षीय,सरस्वती कॉलोनी,बाराँ रोड निवासी राजेंद्र तँवर ने अपने जन्मदिन के मौके पर देहदान का संकल्प लिया । तँवर जी भू-प्रबंधन विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद शहर की कई सामाजिक संस्थाओं में जुड़ गए । 

 

वर्ष 2009 में राजेंद्र जी, पत्नि कमलेश तँवर की मृत्यु होने के बाद से कई सामाजिक कार्यों में जुड़कर अपना वक़्त बिताया करते थे । गये । राजेंद्र जी रोटरी क्लब में सदस्य और हाड़ौती क्षत्रिय प्रचारणी समिति में सचिव के पद पर,12 साल से अधिक समय तक रहें । इस दौरान इन्होंने कई सामाजिक कार्यों को गति देकर,आम जन को समाज के उत्थान के लिये जागरूक किया । राजेंद्र जी छात्र राजनीति में भी काफ़ी सक्रिय रहे है,वह वर्ष 1979 में  राजकीय महाविद्यालय,कोटा में भी महासचिव के पद पर रहे है । 

 

भविष्य के चिकित्सकों को पढ़ने के लिये मृत देह प्राप्त हो,यह विचार कर वह कई बार मेडिकल कॉलेज भी गये,पर किसी कारणवश वह देहदान संकल्प नहीं कर सकें । शाइन इंडिया फाउण्डेशन के "मिसकॉल से देहदान संकल्प" अभियान की जानकारी मिलने के बाद ,सिर्फ एक दिन में ही उनका यह कार्य पूरी तरह से सम्पन्न हो गया । 

 

राजेन्द्र जी के बेटे एडवोकेट पीयूष तँवर,कोटा ने संस्था सदस्यों को ,पिता के देहदान के लिये संकल्प लेने की प्रक्रिया को देखा सुना ,तो उसके मन में भी देहदान करने की इच्छा मन में आयी,पीयूष जी का मानना है की,इस तरह के सामाजिक कार्यों को संस्कार के रूप में परिवार में देना चाहिए । पीयूष जी ने अपनी पत्नि प्रिया तँवर को जब स्वयं के देहदान संकल्प के बारे में बताया तो,उन्होंने भी इसमें अपनी ओर से सहमति दे दी ,और खुद ने भी अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन को भर कर सौंप दिया। 

 

अपने इस जन्मदिवस पर राजेंद्र जी काफ़ी खुश है,उनको खुशी है की ,दुनिया से जाने से पहले लिये गये इस संकल्प से,वह कुछ तो किसी के काम आ सकेंगे। इस तरह राजेंद्र जी ने अपने जन्मदिन पर स्वंय का देहदान का संकल्प तो किया ही सही,उनकी प्रेरणा से उनके बेटे ने भी देहदान का औऱ बहू ने नेत्रदान का संकल्प लिया ।.

 


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