महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४) चिकित्सा प्रबंध

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Published on : 15 Jul, 20 05:07

महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४)  चिकित्सा प्रबंध

उदयपुर ।  महाराणा सज्जन सिंह जी की १६१वीं जयंती पर दी जाने वाली जानकारियों में आज की ऐतिहासिक कडी में महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा संचालित महाराणा मेवाड अनुसंधान केन्द्र, उदयपुर द्वारा मेवाड राज्य में चिकित्सा प्रबंध पर संक्षिप्त प्रकाश डाला जा रहा हैं। पाठकों की जानकारी के लिए इसे इटर्नल मेवाड की पोस्ट पर भी दिया जा रहा है ः-

महाराणा सज्जन सिंह जी ने जनकल्याण के लिए कई कार्य किये थे, जिनमें चिकित्सा सम्बंधी कार्य महत्वपूर्ण थे। राज्य में चिकित्सा से जुडे कार्यों का महाराणा ने खूब समर्थन भी किया। पोलिटिकल एजेंट की सिफारिश से रैवरेंड डॉक्टर शेपर्ड को स्कॉटिश मिशन के लिए भूमि प्रदान की थी। यूनाइटेड फ्री चर्च ऑफ स्कॉटिश मिशन ने १८७७ में उदयपुर में एक डिस्पेंसरी की स्थापना की। १८८१ तक राज्य में सात चिकित्सा संस्थान बन गये थे, जिसने जेल से जुडा अस्पताल भी शामिल था।

राज्य की ओर से महाराणा ने १८८१ में महिलाओं के लिए अलग से देवराजेश्वरी जी की बाडी, भटियानी चौहट्टा में जनाना अस्पताल बनवाया और उसका नाम पोलिटिकल एजेंट कर्नल वॉल्टर के नाम पर रखा  तथा मिस विल को जनाना अस्पताल की पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। ७ दिसम्बर १८८२ में महाराणा सज्जन सिंह जी एवं पोलिटिकल एजेंट चार्ल्स बीन स्मिथ ने कँवरपदा महल के पास सज्जन अस्पताल का उद्घाटन कर जनता के लिये खोल दिया गया। चिकित्सा सुविधाएं आसान हो इसके लिए धानमंडी उदयपुर में शेफर्ड मिशन अस्पताल भी खोला गया, जिसे महाराणा फतहसिंह जी ने आगे विस्तारित किया। १८८२ में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अस्पतालों में आरम्भ कर दिया गया था। राज्य की ओर से अस्पतालों में निःशुल्क दवा वितरण तथा टीकाकरण के कार्य को सफलतापूर्वक आरम्भ किया गया।


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