डॉ. हर्ष वर्धन ने आयुष्मान भारत – एचडब्ल्यूसी मोबाइल ऐप जारी किया

( 14033 बार पढ़ी गयी)
Published on : 13 Jul, 20 04:07

विश्व जनसंख्या दिवस पर डॉ. हर्ष वर्धन ने परिवार नियोजन को मानव अधिकार मुद्दे के रूप में बल दिया, आवश्यक गैर-कोविड सेवा में इसे शामिल किए जाने की सराहना की

डॉ. हर्ष वर्धन ने आयुष्मान भारत – एचडब्ल्यूसी मोबाइल ऐप जारी किया

नई दिल्ली (नीति गोपेंद्र भट्ट) |  केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में एक वर्चुअल बैठक में विश्व जनसंख्या समारोह की अध्यक्षता की।

डॉ. हर्ष वर्धन ने सभी का स्वागत करते हुए कहा, ‘विश्व जनंसख्या दिवस का आयोजन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जनसंख्या स्थिरिकरण पर बल देता है और जनता के भविष्य और उनके स्वास्थ्य में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘यह अब और भी अहम है क्योंकि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने को शामिल किया जाना महत्वपूर्ण है।’

प्रजनन मातृ एवं नवजात शिशु, किशोर, स्वास्थ्य और पोषण RMNCAH+N कार्यक्रम की सफलता उजागर करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि परिवार कल्याण की रणनीति को शीर्ष में रखे जाने से महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘पिछले दशक में हमारी अपुष्ट जन्म दर सीबीआर 21.8( एसआरएस 2011 ) से कम होकर 20 ( एसआरएस 2018 ) रह गई है। कुल फर्टिलिटी दर 2.4 (एसआरएस 2011) से कम होकर 2.2 (एसआरएस 2018 )हो गई है और अवयस्कों की फर्टलिटी दर 16 (एनएफएचएस-3) से कम होकर आधी 7.9 (एनएनएचएस-4) हो गई है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन प्रयासों से भारत 2.1 फर्टली स्तर के करीब पहुंच गयी है। यह 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में से 25 में पहले ही इस स्तर को हासिल कर लिया गया है। भारत में जनसंख्या वृद्धि की गति में कमी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘2001-2011 पहला दशक था, जिसमें पिछले दशक के मुकाबले जनसंख्या की वृद्धि दर कम रही, यह स्वतंत्रता के बाद वृद्धि मेंबड़ी गिरावट थी। 1991-2001 की अवधि में वृद्धि 21.54 प्रतिशत थी, जो 2001-2011 में गिरकर 17.64 प्रतिशत हो गई।’

सामाजिक आंदोलन में बदलाव लाने वाले स्वच्छ भारत अभियान को लेकर माननीय प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रत्येक व्यक्ति से जनसंख्या स्थिरिकरण मिशन को सशक्त जन-आंदोलन बनाने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवार नियोजन से महिलाओं की गरिमा विशेष रूप से गरीब और वंचित महिलाओं की गरिमा जुड़ी है। स्त्री और पुरुष में समानता, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और मानवाधिकार के प्रचार के प्रयासों में इसे प्रमुख रूप से केन्द्रित किया जाना चाहिए।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि अगर परिवार छोटा होगा तो संसाधन उपलब्ध होंगे, बेहतर ढंग से शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पिछले वर्ष 15 अगस्त को माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा था कि परिवार नियोजन को एक बड़ा आंदोलन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में आशा बहनों का प्रमुख योगदान रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और जननी सुरक्षा कार्यक्रम से महिलाओं और कन्याओं के भविष्य के लिए कार्य कर रहा है। हमे छोटे परिवार के लिए शिक्षित, प्रेरित करना होगा और साथ ही जागरूकता फैलानी होगी।

डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि भारत वैश्विक परिवार नियोजन 2020 मूवमेंट का मौलिक अंग है। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी 2020 के परिवार नियोजन लक्ष्य हासिल करने के लिए काफी स्वदेशी राशि का निवेश किया है। परिवार नियोजन के तहत प्रमुख पहल में मिशन परिवार विकास, इंजेक्शन से निरोधक प्रदान करना, परिवार नियोजन – लॉजिस्टिक सूचना प्रबंधन प्रणाली, परिवार नियोजन प्रचार अभियान शामिल हैं। राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम ने जन-स्वास्थ्य प्रणाली में ‘अंतरा’ कार्यक्रम के अंतर्गत इंजेक्शन से निरोधक देने की शुरूआत की है। यह निरोधक अत्यंत प्रभावशाली है और इससे दम्पत्तियों की बदलती आवश्यकताओं की पूर्ति होगी और महिलाओं को एक के बाद अगले गर्भ में अंतर रखने में मदद मिल सकेगी।’ एक अनुमान के अनुसार इस प्रकार के सभी निवेश से लगभग 5.5 करोड़ अवांछित गर्भ, 1.1 करोड़ कुल जन्म, 18 लाख असुरक्षित गर्भपात और 30 हजार मातृ मृत्यु रोकने में मदद मिली है। इसका कारण 2019 में अकेले निरोधक का इस्तेमाल करना है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन से न केवल जनसंख्या स्थिर होती है, बल्कि महिलाओं, परिवारों और समुदायों केलिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। जनसंख्या स्थिरिकरण से यह भी सुनिश्चित होता है कि अधिकांश जनसंख्या के विकास के लिए संसाधन उपलब्ध हों।

डॉ. हर्ष वर्धन ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित आयुष्मान भारत, एचडब्ल्यूसी मोबाइल (स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्र) मोबाइल ऐप जारी की। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों द्वारा डेटा रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि अब स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्रों से रोगियों की संख्या, आयोजित कार्यक्रमों का विवरण, चित्र और अन्य सूचनाएं एक बटन दबाने से मुख्यालय को मिल सकेंगी और स्वास्थ्य कर्मियों को शेष काम निपटाने का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को अनूठा और विशाल कार्यक्रम बताया था। इस कार्यक्रम के एक करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। इस योजना से गरीब से गरीब लोगों को बड़े-बड़े अस्पतालों में निशुल्क इलाज कराने में मदद मिली है। हमें 31 दिसंबर, 2022 तक डेढ़ लाख आरोग्य केन्द्र स्थापित करने हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 के लिए आरोग्य केन्द्रों के अथक प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि गैर-कोविड आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।

इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, विशेष कार्याधिकारी श्री राजेश भूषण, अपर सचिव सुश्री वंदना गुरनानी और संयुक्त सचिव डॉ. मनोहर अगनानी तथा वरिष्ठ अधिकारी और विकास भागीदार तथा इस कार्यक्रम से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।

 

 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.