जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Published on : 10 Jul, 20 05:07

जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

भीलवाड़ा - कोविड 19 के कारण संकट में फंसी भीलवाड़ा टेक्सटाईल्स इण्डस्ट्रीज को राज्य सरकार के माध्यम से राहत प्रदान करने हेतु अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल के नेतृत्व मंे भीलवाड़ा टेक्सटाईल ट्रेड फैडरेशन के पदाधिकारी ने ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन मंे बताया कि कोविड-19 के लाॅकडाउन एवं लम्बे कफ्र्यू के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग ने अपना उत्पादन 15 मई से 25 मई के बीच पुनः शुरू कर दिया था, परन्तु देश की  अधिकांश वस्त्र मण्डियांे में मांग नहीं होने के कारण भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग अपनी क्षमता का 50 प्रतिशत उत्पादन भी नहीं कर पा रहा है। पैमेन्ट  नहीं आने के कारण उद्योग जगत मंे तरलता संकट है।
राज्य सरकार को भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग के लिये निम्न बिन्दुओं पर त्वरित निर्णय लेकर राहत प्रदान करने की मांग ज्ञापन मंे की गई।
1. RIPS 2014 के अंतर्गत भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग में बड़ा निवेश होकर विश्व की अत्यआधुनिक मशीनांे पर उत्पादन शुरू हुआ। राज्य सरकार  से गत 1 वर्ष से ब्याज अनुदान के रूप में मिलने वाली राशि का भुगतान नहीं मिलने के कारण आर्थिंक संकट खड़ा हो रहा है। इस राशि का त्वरित भुगतान कर राहत प्रदान करें।
2. लोकडाउन पीरियड के लिये  बिजली के बिलों मंे स्थाई शुल्क माफ करने के लिये बराबर हम निवेदन कर रहे है। कई प्रतिवेदन पूर्व में प्रेषित किये जा चुके है। राज्य सरकार को आपके माध्यम से हम पुनः आग्रह करना चाहेगंे कि बिजली के बिलों मंे स्थाई शुल्क को माफ किया जावें।
3. कोविड 19 के कारण भीलवाड़ा मंे 20 मार्च से कफ्र्यू लगा जो लगभग 55 से 58 दिन तक रहा। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने इस अवधि में औद्योगिक विद्युत बिलांे के भुगतान के विलम्ब पर मई माह में जारी बिल में ब्याज जोड़कर वसूली की, जो हमारी गणना के हिसाब से 36 प्रतिशत सालाना होता  है।
राज्य सरकार की गाईड लाईन भी बिजली के बिलों के भुगतान के बारे में स्पष्ट थी कि लाॅकडाउन एवम् कफ्र्यू पीरियड में बिजली के बिलों के भुगतान को स्थगित किया जा रहा है। इस प्रकार वसूले गये ब्याज को वापस दिलवाने की  व्यवस्था की जाये ताकि वस्त्र उद्योग को इस संकट में राहत मिल सके। 


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