डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 मंत्री समूह की 18वीं बैठक की अध्यक्षता की

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Published on : 09 Jul, 20 10:07

भारत के प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामले और मृत्यु संख्या न्यूनतम - डॉ. हर्ष वर्धन

डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 मंत्री समूह की 18वीं बैठक की अध्यक्षता की

नई दिल्ली (नीति गोपेंद्र भट्ट) |  केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा है कि “अब भारत में कोविड-19 पर काबू पाने में हम आगे बढ़ रहे हैं, कंटेनमेंट और सर्विलांस के कड़े उपायों के जरिए कोविड-19 के प्रबंधन, जांच की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करना, अन्य बीमारियों वाले कोविड के मरीजों और वरिष्ठ नागरिकों की मॉनिटरिंग,उभरते हॉट्स पॉट का अनुमान लगाना, आरोग्य सेतु जैसे डिजिटल टूल से फायदा उठाना, रोगियों के अस्पतालों में दाखिले की प्रक्रिया को सुचारू बनाना, बुनियादी ढांचे की तैयारी (नाजुक देखभाल के बिस्तर, ऑक्सजीन, वेंटिलेटर) पर हमारा ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।”

कोविड-19 पर गठित उच्च स्तरीय मंत्री समूह की 18वीं बैठक आज गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री श्री हरदीप पुरी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित थे, जबकि रासायनिक और उर्वरक तथा पोत परिवहन राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ. विनोद पॉल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत के प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामले और मृत्यु संख्या न्यूनतम हैं।उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मृत्यु में कमी लाना और मृत्यु दर को कम बनाए रखना है ।

मंत्री समूह की बैठक की शुरुआत में भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। कोविड-19 से अत्यंत प्रभावित विश्व के पांच देशों की स्थिति की तुलना से स्पष्ट होता है कि भारत, मृत्यु और बीमारी के न्यूनतम मामलों वाले देशों में से एक है। प्रति दस लाख जनसंख्या पर भारत में 538 मामले और 15 मौतें हुई हैं, जबकि वैश्विक औसत के अनुसार 1453 मामले और 68.7 मौतें बनती हैं। देश में 8 राज्य (महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात) के कुल मिलाकर सक्रिय मामले देश के कुल सक्रिय मामलों में से 90 प्रतिशत बनते हैं और 49 जिलों में आज की तिथि में 80 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा, 6 राज्य (महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) की कुल मौतें, देश की कुल मौतों की संख्या का 80 प्रतिशत बनती हैं। मंत्री समूह को अधिक मृत्यु दर वाले क्षेत्रों में मृत्यु दर में कमी लाने के लिए किए गए विशेष प्रयासों से अवगत कराया गया।

देश में कोविड-19 के स्वास्थ्य ढांचे के बारे में मंत्री समूह को अवगत कराया गया कि आज कोविड-19 के उपचार के लिए कुल 3914 केन्द्र हैं, जिनमें कुल 3,77,737 बिना आईसीयू सुविधा वाले आइसोलेशन बिस्तर हैं, 39,820 आईसीयू बिस्तर और ऑक्सीजन सुविधा वाले 1,42,415 बिस्तर हैं। साथ ही इन केन्द्रों में 20,047 वेंटिलेटर हैं। इन केन्द्रों में अब तक कुल 213.55 लाख एन-95 मास्क, 120.94 लाख पीपीई और 612.57 लाख एचसीक्यू गोलियां वितरित की गई हैं।

अनलॉक 2.0 की अवधि के दौरान के भावी कदमों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन के सीमांकन समेत कंटेनमेंट और सर्विलांस पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना, वेबसाइट पर कंटेनमेंट जोन को अधिसूचित करना, नियंत्रण के कड़े मानक और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति, संपर्कों का सघन पता लगाना, घर से घर तक तलाश/सर्विलांस और नये संभावित मामलों की संख्या कम करने के लिए कंटेनमेंट जोन से बाहर बफर जोन की पहचान शामिल हैं।

यह भी उल्लेख किया गया कि केन्द्र और राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित अंतराल पर सहयोग के उपाय किए गए हैं, जिनमें राज्यों को और अधिक प्रभावी कंटेनमेंट और नियंत्रण उपायों में सहायता देने के लिए बहुत अधिक प्रभावित राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दौरे करवाना शामिल है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में होने वाली नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में रोग के फैलाव पर नियंत्रण, जांच की संख्या बढ़ाने और मृत्यु दर में कमी लाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने महामारी के दौरान भारत में किए गए सर्विलांस के प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इस दौरान कंटेनमेंट की कड़ी रणनीति और एसएआरआई/आईएलआई- इंफ्युलिएंजा लाइक इलनेस, सेरोलॉजिकल सर्वे और देश भर में जांच की संख्या और दायरा बढ़ाने के लिए प्रयोगशालाओं की नेटवर्क में बढ़ोतरी पर फोकस किया गया। देश में प्रमुख चिंता के क्षेत्रों को उजागर किया गया और समय पर नैदानिक प्रबंधन के साथ-साथ जांच और अधिक जोखिम वाली जनसंख्या में अन्य बीमारियों वाले कोविड-19 के मरीज शामिल हैं, उनकी मृत्यु के मामले में कमी लाना शामिल हैं।

अधिकार प्राप्त समूह-8 (सूचना, संचार और जन-जागरूकता) के अध्यक्ष श्री अमित खरे ने मंत्री समूह के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिनमें संचार और सूचना तथा जन-जागरूकता के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। इस समूह को फर्जी खबरों के बारे में 6,755 सूचनाएं मिलीं, जिनमें 5,890 का सीधा जवाब दिया गया और 17 विदेशी मीडिया विज्ञप्तियों से स्पष्टीकरण दिया गया। इस समूह ने कोविड-19 के 98 दैनिक बुलेटिन, 42 मीडिया ब्रिफिंग और 2,482 प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के काम में भी समन्वय किया। इस समूह ने महामारी के दौरान न केवल व्यावहारिक परिवर्तन लाने के अभियान में बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए आत्म निर्भर अभियान के अंतर्गत किसानों और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों की इकाइयों के राहत उपायों के विषय में जागरूकता विकसित करने के बारे में अग्रसक्रिय भूमिका निभाई। यह अभी स्पष्ट किया गया कि मीडिया के साथ चर्चा के माध्यम से कोविड-19 महामारी से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे पर संचार रणनीति प्रमुख अंश होगी। क्षेत्रीय भाषाओं में सूचना और संदेशों के प्रसार पर फोकस किया गया, ताकि जन-संचार और व्यक्तिगत संचार के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी श्री राजेश भूषण, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव और औषध विभाग के सचिव श्री पी.डी. वाघेला, पोत परिवहन विभाग के सचिव श्री संजीव रंजन, वस्त्र विभाग के सचिव श्री रवि कपूर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और आईटीबी के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।

 


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