ये महामारी हमें रोक नहीं सकेगी-डॉ. हर्ष वर्धन

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Published on : 08 Jul, 20 05:07

नीति गोपेंद्र भट्ट

ये महामारी हमें रोक नहीं सकेगी-डॉ. हर्ष वर्धन

नई दिल्ली,  स्वीडन की स्वास्थ्य और समाज कल्याण मंत्री सुश्री लेना हेलेनग्रेन ने आज केन्द्रीय स्वास्थ्य  और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन के साथ स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर वर्चुअल तरीके से चर्चा की।

दोनों स्वास्थ्य मंत्रियों ने अपने-अपने देशों में कोविड-19 की स्थिति और नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की और इस पर काबू पाने के लिए भविष्य के विजन पर विचार विमर्श किया। सुश्री लेना हेलेनग्रेन ने डॉ. हर्ष वर्धन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी और भारत में जांच की क्षमता बढ़ाए जाने के लिए हमारे देश की प्रशंसा की और कहा कि इससे अधिक से अधिक लोगों की जांच के परिणाम मिलने से शीघ्र उपचार किया जा रहा है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने दोनों देशों के बीच प्रभावी भागीदारी के दशक का उल्लेख किया, जिससे इस दशक में संयुक्त कार्य समूह स्तर की 10 द्विपक्षीय बैठकें हुईं। उन्होंने हाल ही के वर्षों में भारत सरकार की उल्लेखनीय उपलब्धियों का विवरण देते हुए कहा, “आयुष्मान भारत योजना से देश की 550 मिलियन जनता लाभान्वित हो रही है। मातृ और शिशु दर में कमी आई है। भारत ने 2025 तक टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य में काफी बेहतर प्रगति की है, जबकि भारत का डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी को स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में समाहित करने का वायदा है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एंटी-बायोटिक प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) में महत्वपूर्ण अनुसंधान किया है।

कोविड-19 की महामारी से निपटने में भारत को मिली सीख पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “भारत की रिकवरी दर 61 प्रतिशत से अधिक है और मृत्यु दर बहुत कम यानी 2.78 प्रतिशत है। हालांकि हमारे देश की जनसंख्या 135 करोड़ है। प्रतिदिन ढ़ाई लाख लोगों की कोविड-19 की जांच की जा रही है। चार महीने पहले देश में एक प्रयोगशाला थी और इसमें बढ़ोतरी होकर यह संख्या 1100 हो गई है, जिससे बड़ी संख्या में कोविड-19 की जांच हो रही है। भारत के अग्रसक्रिय, नियोजित और श्रेणीकृत दृष्टिकोण ने पठार जैसा स्थिर ग्राफ सुनिश्चित किया है और सरकार द्वारा विकसित त्रि-स्तरीय कोविड स्वास्थ्य ढांचे में हर समय काफी बिस्तर खाली रहे हैं।”

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत ने नोवेल कोरोना वायरस के फैलाव को एक अवसर में बदला है। यह हमारे गतिशील प्रधानमंत्री के अग्रणी रूप से कोविड के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व के कारण संभव हुआ है और पूर्ण सरकार के दृष्टिकोण को विभिन्न स्तरों पर अपनाया गया है। सरकार ने हवाई अड्डों, बंदरगाहों और देश ने प्रवेश के जमीनी स्थलों पर सर्विलांस की व्यवस्था 8 जनवरी को कर ली थी। सरकार ने सामुदायिक सर्विलांस को मजबूत बनाया और विस्तृत स्वास्थ्य यात्रा परामर्श जारी किए। इसके अलावा हजारों नागरिकों और कुछ विदेशियों को अन्य देशों से सुरक्षित लाया गया। भारत के पास देश में पीपीई बनाने के सौ विनिर्माण यूनिट हैं और पांच लाख प्रतिदिन पीपीई का विनिर्माण हो रहा है। इसी तरह एन-95 मास्क और वेंटिलेटर के निर्माण को भी बढ़ाया गया है। भारत ने सौ से अधिक देशों को हाइड्रोक्लोरोक्सीक्वीन की आपूर्ति की। डॉ. हर्ष वर्धन ने स्वीडन की मंत्री को यह बताया।

दोनों मंत्री संयुक्त कार्य समूह की अगली बैठक आयोजित करने और कोरोना संकट की समाप्ति तक एक-दूसरे के साथ डिजिटली संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए। उन्होंने अपने-अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों पर फॉलोअप का काम करें।

बैठक के अंत में डॉ. हर्ष वर्धन ने सुश्री हेलेनग्रेन और स्वीडन के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। 


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