कालिदास प्रकृति पुरुष थे - नंदकुमार

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Published on : 23 Jun, 20 05:06

संस्कृत भारती का 15 दिवसीय निशुल्क ऑनलाइन संभाषण वर्ग का आयोजन

कालिदास प्रकृति पुरुष थे - नंदकुमार

कालिदास जयंती एवं योग दिवस के उपलक्ष में संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत की ओर से निशुल्क संस्कृत संभाषण वर्ग का आयोजन 21 जून 2020 से 5 जुलाई 2020 तक किया जा रहा है जिसमें उद्घाटनकर्ता एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय मंत्री नंदकुमार जी, , प्राज्ञ शिक्षण संस्थान भीलवाड़ा के निदेशक नवल जी जैन, कुशल बाग मार्बल्स बांसवाड़ा के निदेशक अनुज अग्रवाल, प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या आदि उपस्थित रहे।अध्यक्षता लघु उद्योग भारती के प्रान्त अधिकारी व प्रसिद्ध  सी.ए अजीत अग्रवाल ने की।

उदयपुर महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया ने बताया कि इस निशुल्क संभाषण वर्ग में संपूर्ण प्रान्त व देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 1300 विद्यार्थियों का गूगल लिंक पर ऑनलाइन पंजीयन हुआ है ।

यह शिविर प्रतिदिन 1.5 घण्टा तीन सत्रो में आयोजित हो रहा है जिसका समय प्रातः 8:00 से 9:30 मध्यान्ह 12:00 से 1:30 एवं रात्रि 8:00 से 9:30 है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि संस्कृत भारती के अखिल भारतीय अधिकारी नंदकुमार जी ने बताया कि सर्वांगीण विकास का एकमात्र साधन एवं योग की भाषा है संस्कृत।

 उन्होंने संस्कृत को देववाणी कहते हुए उसके प्रचार प्रसार एवं लोगों के बोल बोलचाल की भाषा बने तथा उन्होंने संस्कृत को दैनिक दिनचर्या का प्रमुख हिस्सा बनाने पर बल दिया।

 इस अवसर पर प्रान्त संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या ने संस्कृत संभाषण वर्ग की विस्तृत जानकारी देते हुए संस्कृत भारती का परिचय कराया एवं कहा कि संस्कृत भारती विगत कई वर्षों से संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए कृत संकल्पित है एवं विश्व के 42 देशों में संस्कृत के प्रचार प्रसार का कार्य संस्कृत भारती द्वारा किया जा रहा है

इस अवसर पर आज कालिदास जयंती के उपलक्ष में संस्कृत संभाषण वर्ग के दौरान सभी सत्रो में कालिदास पर विशिष्ट व्याख्यानमाला का ऑनलाइन आयोजन किया गया जिसमें लगभग  900 छात्रों एवं संस्कृत अनुरागी यों ने हिस्सा लिया ।

इस अवसर पर  मुख्य वक्ता डॉ आशुतोष पारीक ने कालिदास पर विचार रखे एवं कहा कि कालिदास प्रकृति पुरुष थे एवं वैदर्भी रीति के कवि थे। उन्होंने बताया कि कालिदास अपनी विशिष्ट उपमा के लिए विश्व प्रसिद्ध थे। उन्होंने कहा की कालिदास की रचनाओं में भारतीय जीवन व दर्शन के विविध रूप और मूलतत्त्व निरूपित हैं। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण वे राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देनेवाले कवि माने जाते हैं। कुछ विद्वानों ने उन्हें राष्ट्रीय कवि का स्थान दिया है। #महाकविकालिदासः #Kalidas_Icon_of_India 

इस अवसर पर व्याख्यानमाला में विभिन्न शिक्षाविदों ने अपने विचार प्रस्तुत किए जिसमें प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या, लोकेश जैन उदयपुर से डॉ यज्ञ आमेटा, नरेंद्र शर्मा, रेखा सिसोदिया, हिमांशु भट्ट, दुष्यन्त नागदा, रेणु पालीवाल, अर्चना जैन, मंगल कुमार जैन आदि प्रमुख रहे।

इस अवसर पर व्याख्यानमाला में संपूर्ण चित्तौड़ प्रांत से प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा, प्रांत विद्वत परिषद प्रमुख परमानंद शर्मा, विभाग संयोजक अजमेर आशुतोष पारीक, विभाग संयोजक भीलवाड़ा परमेश्वर प्रसाद कुमावत, जिला संयोजक बांरा पियूष गुप्ता, प्रांत सह शिक्षण प्रमुख तरुण मित्तल, प्रांत महिला प्रमुखा दिव्य ढूंढारा, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा, शाहपुरा जिला महिला प्रमुखा पूजा गुर्जर, अजमेर महानगर संयोजक हिम्मत सिंह चौहान, उदयपुर महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया, आसींद जिला संयोजक देवीलाल प्रजापत, कोटा से ललित नामा, कोटा से निहारिका बच्चन, सावर से अनिरूद्ध सिंह, ज्योति चांवरिया, प्रियंका मीणा, दुर्गा शंकर मेघवाल, वीणा कुमारी हाडा, गीत राम शर्मा, अजय कुमार, चंदा राठौर, कविता राठौर, मंजुला शर्मा आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 


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