उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के साथ एक द्विपक्षीय समझौता किया है। ऑनलाइन बैठक में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ एवं राजूवास के कुलपति डा. विष्णु शर्मा ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता आगामी पॉंच वर्षों तक प्रभावी रहेगा।
इस अवसर पर कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस एमओयू के माध्यम से एमपीयूएटी में पशुपालन विभाग में अध्ययनरत स्नातकोर विद्यार्थी राजूवास, बीकानेर से सम्बद्ध अनुभवी वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में वहॉं की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं एवं तकनीकी अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समझौते से दोनों ही संस्थानों में शोध एवं नवाचारों के प्रसार, सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं सहचर्य से दोनों संस्थानों को लाभ होगा। इस अवसर पर माननीय कुलपति ने राजूवास से पशु उत्पादन, दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने, पशुओं के पोषण, स्वास्थ्य तथा जैविक कृषि के माध्यम से पोषक चारा उत्पादन पर संयुक्त अनुसंधान की अपेक्षा जताई। इस समझौते के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक परस्पर स्नातकोत्तर एवं पीएचडी शोधकार्य तथा थीसिस गाइड कर सकेंगे। इस प्रकार उत्पादित शोध नतीजों पर दोनों ही संस्थानों का संयुक्त अधिकार रहेगा। इसी प्रकार एमपीयूएटी के वैज्ञानिक राजूवास द्वारा आयोजित प्रशिक्षणों एवं संयुक्त शोध परियोजनाओं में भाग ले सकेंगे।
राजूवास के कुलपति डा. विष्णु शर्मा ने समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए बताया कि इस एमओयू से हमारे विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का लाभ एमपीयूएटी को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस समझौते के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक पशुपालन एवं पशु चिकित्सा शोध परिणामों को साझा कर सकेंगे। उन्होंने एमपीयूएटी से पशु चिकित्सा एवं पशुपालन के क्षेत्र में जरूरत के अनुसार सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी, चिकित्सा उपकरणों के विकास एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्त पोषित परियोजनाओं पर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।
इस ऑनलाइन बैठक में एमपीयूएटी के अनुसंधान निदेशक डा. अभय कुमार मेहता, डीआरआई डा. बी. पी. नंदवाना, डीन आरसीए डा. अरूणाभ जोशी, डीन सीटीएई डा. अजय कुमार शर्मा, डीन फिशरीज डा. सुबोध शर्मा, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डा. एस. के. शर्मा, ओसडी डा. वीरेन्द्र नेपालिया, पशुपालन विभागाध्यक्ष डा. लोकेश गुप्ता, कुलसचिव श्रीमती कविता पाठक तथा वित्त नियंत्रक डा. संजय सिंह इत्यादि उपस्थित थे।