दैनिक - पञ्चाङ्गम्, 23/05/2020,- शनिवार 

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Published on : 22 May, 20 14:05

महर्षि यादवेन्द्र शिक्षा शास्त्री, भाषात्रयी साहित्यकार,

दैनिक - पञ्चाङ्गम्, 23/05/2020,- शनिवार 

Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam -  दिनांक - 23/05/2020,- शनिवार 
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक - 02/03/1942
02-ज्येष्ठ 1942)
सौर ज्येष्ठ  , शुक्ल पक्ष
प्रथमा तिथि  ,
तिथि प्रथम24:16:30*तक।  
नक्षत्र रोहिणी28:50:39*
योग अतिगंड06:33:16
करण किन्स्तुघ्न11:45:12 तक। 
करण बव24:16:30*
वार शनिवार 
माह (अमावस्यांत)ज्येष्ठ
माह (पूर्णिमांत)ज्येष्ठ
चन्द्र राशि   वृषभ
सूर्य राशि  वृषभ 
 संवत् विक्रम 2077 
शाका संवत्1942  
सूर्योदय05:49:40
सूर्यास्त19:14:33
दिन काल13:24:53
रात्री काल10:34:47
चंद्रोदय06:24:52
चंद्रास्त19:54:58 
लग्न सूर्योदयी वृषभ8°13' ,
'सूर्य नक्षत्र कृत्तिका 
चन्द्र नक्षत्ररोहिणीपद, 
चरण1 ओ रोहिणी09:35:59
2 वा रोहिणी16:02:22
3 वी रोहिणी22:27:16
4 वु रोहिणी28:50:39*
मुहूर्त
राहु काल09:11 - 10:52अशुभ
यमघंटा14:13 - 15:53अशुभ
अभिजित् 12:05 -12:59शुभ
दूर मुहूर्त07:37 - 08:31अशुभ
चोघडिया, दिन
काल05:50 - 07:30अशुभ
शुभ07:30 - 09:11शुभ
रोग09:11 - 10:52अशुभ
उद्वेग10:52 - 12:32अशुभ
चर12:32 - 14:13शुभ
लाभ14:13 - 15:53शुभ
अमृत15:53 - 17:34शुभ
काल17:34 - 19:15अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ19:15 - 20:34शुभ
उद्वेग20:34 - 21:53अशुभ
शुभ21:53 - 23:13शुभ
अमृत23:13 - 24:32*शुभ
चर24:32* - 25:51*शुभ
रोग25:51* - 27:11*अशुभ
काल27:11* - 28:30*अशुभ
लाभ28:30* - 29:49*शुभ
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आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध -  सर्वार्थ एवं अमृत सिद्धि योग। करवीर व्रत। सूर्यास्त के आसपास पश्चिम में बुध तथा शुक्र देखे जा सकते हैं। 
वायव्य दिशा तथा B V A ई u  ह ड r tवर्ण प्रभावित।  उपयोगी, मनोरंजकोपकरणों /वस्तुओं की सुरक्षा  क्रम लाभद । जलीय योग। चिकित्सा तकनीकी एवं न्याय विद्वत् सज्जन में नवाचार ।नाक - मस्तिष्क पर मौसमी प्रभाव। वृषार्क, ,
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*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।  
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(मतांतर में अमान्य। अमान्त भारतीय विक्रम तिथि/ दिनांक(एक प्रयास यथा उदयादि या गताग्र तिथि /अमान्त चैत्रादि मासांक /विक्रम संवत्-विशेष इस प्रयास को प्रामाणिक नहीं मानते हुए स्थानीय प्रायोगिक मानने हेतु निवेदन है। 01/03/2077)


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