उदयपुर डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने राजस्थान के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा ’’विज्ञान, तकनीकी एवं नवाचार 2020’’ विषय पर आयोजित आॅनलाइन चर्चा बैठक में भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता श्रीमती मुग्धा सिन्हा, प्रधान सचिव, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, राजस्थान सरकार ने की।
भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के श्री शगुन बाशा द्वारा विज्ञान, तकनीकी एवं नवाचार नीति -2020 के फ्रेमवर्क पर प्रस्तुति दी गई। बैठक में डा. राठौड़ ने कहा कि इस नीेति के 21 थीमेटिक समूहों में कृषि के तहत जल दक्षता, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन जैसे पहलुओं को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में फास्ट (फ्रंटियर एरियाज आॅफ रिसर्च इन एग्रीकल्चर साईस एण्ड टेक्नालाॅजी) के तहत कार्य करने की नीति का निर्माण होना चाहिए जिसमें उत्पादन तथा उत्पादकता के साथ-साथ खाद्य गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए। राजस्थान में शुष्क एवं अर्द्धशुष्क जलवायु के मध्य अच्छी कृषि पद्धतियाॅं, वर्टिकल खेती, विशिष्ट खेती तथा डिजिटल समावेशी कृषि अनुसंधान एवं विकास पर जोर देना समय की आवश्यकता है। चीन तथा फ्रांस जैसे देशों में विज्ञान एवं तकनीकी का कृषि के हर पहलू में समावेश तथा डिजिटलीकरण के कारण भारत से आगे हैं अतः राज्य एवं देश की विज्ञान एवं तकनीकी नीति में बदलाव करने की आवश्यकता है। डा. राठौड़ ने कहा कि विभिन्न कृषि तकनीके हमारे पास उपलब्ध हैं लेकिन सभी भागीदारों की उचित सहभागिता एवं किसानों की क्षमतावर्धन के तरीकों में तत्काल नवाचार करने की आवश्यकता है। डा. राठौड़ ने कोविड-19 के संदर्भ में कृषि के क्षेत्र में वर्चुअल रीयलिटी, एक्टेंडेड रीयलिटी तथा मिक्स्ड रीयलिटी के उपयोग पर उचित अनुसंधान एवं विकास पर कार्य करने के बारे में सुझाव दिये।
डा. राठौड़ के सुझावों के मद्देनजर डा. मुग्धा सिन्हा, प्रधान सचिव, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर ने कहा कि कृषि पर विशेष चर्चा के लिए जल्दी ही एग्री-हाॅर्ट का आयोजन किया जायेगा। इस बैठक में क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डा. एस. के. शर्मा तथा कुलपति महोदय के विशेषाधिकारी डा. वीरेन्द्र नेपालिया ने भी भाग लिया।