लाॅकडाउन के दौरान एमपीयूएटी ने किये किसान सेवा के उल्लेखनीय कार्य -प्रो. राठौड़

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Published on : 09 May, 20 03:05

Subodh Kumar Sharma

लाॅकडाउन के दौरान एमपीयूएटी ने किये किसान सेवा के उल्लेखनीय कार्य -प्रो. राठौड़

उदयपुर । एमपीयूएटी उदयपुर के माननीय कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह राठौड़ ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी एवं स्टाफ को ऑनलाइन संबोधित किया जिसमें 100 व्यक्तियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि हमें सरकार द्वारा निर्देशित एडवाईजरी का अनुपालन करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने, समुह ना बनाने, बाहर निकलने पर अच्छी गुणवत्ता के मास्क का प्रयोग करने, नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने, चेहरे पर हाथ नही लगाने तथा बाहरी व्यक्तियों को व्यर्थ ही कार्यालय में प्रवेश न देने की सलाह दी। उन्होने बताया कि इस लॉकडाउन पीरियड के दौरान हमारी सभी फैकल्टी, टीचर्स, कृषि वैज्ञानिकों ऑनलाइन शिक्षा, अनुसंधान कार्यो एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से कृषक जागरूकता एवं प्रसार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।
प्रो. राठौड़ ने बताया कि कोरोना लाॅकडाउन के दौरान सभी फैकल्टी मे डीन्स के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को विभिन्न व्हाट्सऐप के माध्यम से ग्रुप बनाकर जोड़ा गया जिसमें विभिन्न डिजिटल ऑनलाइन माध्यमों से कक्षाएं लेने की सूचना प्रतिदिन प्रत्येक प्राध्यापक द्वारा प्रसारित की जाती है तथा विभिन्न डिजिटल माध्यमों से विगत अप्रेल माह मे 519 विषयों मे विश्वविद्यालय द्वारा 5535 कक्षाऐं ली गई हैं जो कि अपने आप में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होने बताया कि इस दौरान विश्वविद्यालय शिक्षकों द्वारा तीन पुस्तके लिखी गई, विभिन्न विषयों पर 47 ई-लर्निंग कम्पेंडियम   एवं ई-मेनुअल भी तैयार किये गये जिनसे विद्यार्थी घर बैठे ही अपना अध्ययन कर सकते हैं। इस दौरान 2 प्रसार शिक्षा पुस्तिकाऐं, 152 एडवाईजरी भी जारी की गई तथा ग्रामीण किसान मौसम सेवा के अन्तर्गत 6 जिलों के 1 लाख से अधिक कृषकों को साप्ताहिक कृषि सलाह दी गई तथा 2544 किसानों को आरोग्य सेतु एवं 483 किसानों को रथ एप से भी जोड़ा गया। सामुदायिक विज्ञान एवं मात्स्यकी महाविद्यालय कृषकों के लिए काॅविड महामारी से सुरक्षा हेतु सचित्र एडवाईजरी भी जारी की। माननीय कुलपति ने बताया कि इस दौरान विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत रबी मौसम के 216 अनुसंधान परीक्षण पूर्ण किये गये जिसमें गेंहु, जौ, चना, सरसो, बीजीय मसालें, औषधीय पौधे, उद्यानिकी फसलें एवं मशरूम प्रमुख है तथा वर्तमान में ग्रीष्मकालीन मुगंफली, मुंग, मक्का, सब्जियाॅ, फलों पर अनुसंधान जारी है। इस दौरान 245 हैक्टेयर मे विभिन्न फसलों के गुणवत्ता पूर्ण बीज उत्पादन का कार्य भी किया जा रहा है। विगत माह लाॅक डाउन के दौरान विश्वविद्यालय की फैकल्टी ने 7 से अधिक आॅनलाइन कार्यशाला व वैबिनार में भी भाग लिया तथा 5 दिवसीय फैकल्टी कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से कोरोना से बचाव व कृषि कार्यो हेतु 452 एडवाइजरी भी जारी की गई। इस दौरान माननीय कुलपति तथा वैज्ञानिकों ने अनेक रेडियों व दुरदर्शन वार्ताए दी एवं टेलिफोन के माध्यम से भी सेंकड़ो किसनों की समस्या का समाधान भी किया। इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्रों ने फल एवं सब्जी की पौध एवं वर्मिकम्पोस्ट इत्यादि की बिक्री से 4 लाख का राजस्व भी एकत्रित किया।
माननीय कुलपति ने सभी फैकल्टी को अंग्रेेजी भाषा के वर्ण ए ई आई ओ यु के विस्तृत रूप में अनुकूलनशीलता अपनाने, अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने, समावेशी व समयानुवर्ति बनने तथा आज के समय में सार्वभौमिकता अपनाने की सलाह दी। उन्होने आज के समय में सभी स्टाॅफ के सदस्यों से एकीकृत व सही सोच एवं कार्य पद्धति अपनाने की अपेक्षा जताई। उन्होने इस आॅनलाइन वार्ता के आयोजन हेतु कम्प्युटर विज्ञान विभागाध्यक्ष डाॅ़. नवीन चैधरी का आभार भी व्यक्त किया।


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