बच्चों की संख्या अधिक देख एक ओर अतिरिक्त ट्रेन चलवाई

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Published on : 04 May, 20 04:05

लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों से बिहार के विद्यार्थी भी घर लौटना शुरू

बच्चों की संख्या अधिक देख एक ओर अतिरिक्त ट्रेन चलवाई

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से रविवार को कोटा में पढ़ रहे बिहार के कोचिंग विद्यार्थियों की भी घर वापसी भी शुरू हो गई। घर जाने के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने की जानकारी मिलने पर लोकसभा अध्यक्ष ने रेलमंत्री पियूष गोयल से बात कर तत्काल एक और ट्रेन की व्यवस्था करवाई।
कोटा में कोचिंग करने आए विभिन्न राज्यांे के विद्यार्थी लाॅकडाउन को देखते हुए घर जाना चाह रहे थे। केन्द्र सरकार की ओर से आवागमन के नियमों में छूट दिए जाने के तुरन्त बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन विद्यार्थियों के घर वापसी के प्रयास तेज कर दिए थे। इसी के चलते शनिवार रात झारखंड के विद्यार्थियों को लेकर एक ट्रेन कोटा से रवाना हुई।
इसके बाद रविवार को लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों से बिहार के विद्यार्थियों के लिए भी ट्रेन चलाने का इंतजाम किया गया। इसकी जानकारी मिलते ही विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला प्रशासन के माध्यम से औपचारिकताएं पूर्ण किए जाने के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी रविवार सुबह कोटा स्टेशन पर पहुंच गए।
विद्यार्थियों की संख्या इतनी अधिक थी की एक ट्रेन में सभी को भेजा जाना संभव नहीं था। इसकी जानकारी मिलते ही लोकसभा अध्यक्ष दिल्ली में सक्रिय हो गए। उन्होंने तत्काल रेल मंत्री पियूष गोयल से फोन पर बात कर सारी स्थिति बताते हुए एक और अतिरिक्त ट्रेन चलाने कि आवश्यता बताई। रेलमंत्री ने तत्काल इसके लिए हामी भरते हुए कोटा रेल मंडल के अधिकारियों को एक ओर ट्रेन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कोटा-बेगूसराय रूट पर रहने वाले विद्यार्थियों को लेकर यह ट्रेन रविवार दोपहर 3 बजें कोटा से रवाना हो गई। यह ट्रेन सोमवार शाम तक बेगूसराय पहुंचेगी, जहां से बिहार सरकार इन बच्चों को अपने-अपने घर भेजने की व्यवस्थाएं करेगी।
’बच्चों को घर लौटना सुखदः बिरला’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने झारखंड के बाद अब बिहार के बच्चों के घर लौटने पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि यह बच्चों और उनके अभिभावकों दोनों के लिए सुखद है। बच्चों को कोटा में कोई तकलीफ नहीं थी, लेकिन माहौल को देखते हुए बच्चों को उनके अभिभावकों तक पहुंचाने का निर्णय उचित रहा। उन्होंने कहा कि जब तक यह बच्चे कोटा में रहे कोचिंग संस्थानों और कोटावासियों ने इन्हें अपने बच्चों की तरह स्नेह, वात्सल्य और सुरक्षा प्रदान की। इसके लिए कोचिंग संस्थान और कोटावासी बधाई के पात्र हैं।


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