देश में स्थिति 'सामाजिक आपातकाल' के समान

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Published on : 08 Apr, 20 12:04

-नीति गोपेंद्र भट्ट-

देश में स्थिति 'सामाजिक आपातकाल' के समान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक दलों के नेताओं से की बातचीत

सरकार की प्राथमिकता हर जीवन को बचाना है:देश में स्थिति 'सामाजिक आपातकाल' के समान है
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्यों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों द्वारा लॉकडाउन के विस्तार का सुझाव: प्रधानमंत्री

 

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुधवार की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया कोविड -19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है, यह कहते हुए कि वर्तमान स्थिति मानव जाति के इतिहास में एक युगांतरकारी घटना है और हमें इसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए दृढ़ संकल्पित  होना हैं।  
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लडी जा रही इस जंग में केंद्र के साथ मिलकर काम करने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों की प्रशंसा की।  
प्रधान मंत्री ने कहा कि देश ने इस लड़ाई में हमने सभी वर्गों के साथ मिलकर और  एकजुट होकर मोर्चा सम्भाला हैं साथ ही सकारात्मक राजनीति की है।  प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक इस प्रयास में अपना योगदान दे रहा ह।
उन्होंने जनता कर्फ्यू  और लॉकडाउन में सभी के अनुशासन, समर्पण और प्रतिबद्धता की भावना की भी प्रशंसा की।
प्रधान मंत्री ने उभरती स्थिति के प्रभाव को रेखांकित किया और बताया कि विकसित देशों के मुक़ाबले संसाधनों  की कमी के बावजूद ,भारत अब तक कोरोना वायरस के प्रसार की गति को नियंत्रित करने वाले कुछ देशों में से एक है।  
उन्होंने चेतावनी दी कि स्थिति लगातार बदलती रहती है इसलिए हमें हर समय सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।

प्रधान मंत्री ने कहा  कि देश में स्थिति एक 'सामाजिक आपातकाल' की तरह है।  देश को कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन के इस चरण के विस्तार के लिए सुझाव दिए  है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कोराना को मात देने के लिए प्रतिबद्ध है
उन्होंने कहा कि बदलती परिस्थितियों में हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए।  उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक जीवन को बचाने की है।  उन्होंने कहा कि देश कोविड -19 (COVID-19 )के परिणामस्वरूप गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना भी कर रहा है।लेकिन सरकार सभी की साथ लेकर हर मोर्चे पर तैयार और प्रतिबद्द्ह है।

इस मौके पर भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत किए जा रहे कार्यों  की प्रगति सहित उभरती चुनौतियों का सामना  करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं।

सभी दल के नेताओं ने बैठक के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और उनके द्वारा उठाए गए समयबद्ध उपायों की सराहना की और कहा कि पूरा देश संकट के समय उनके पीछे एकजुट होकर खड़ा  है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य और मनोबल को बढ़ाने, परीक्षण सुविधाओं में तेजी लाने, छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करने की आवश्यकता और भूख और कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के बारे में अपने अपने सुझाव भी दिए ।उन्होंने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए आर्थिक और अन्य नीतिगत उपायों के बारे में भी चर्चा की।  राजनीतिक दलों के नेताओं ने लॉकडाउन को समाप्त करने और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद चरणबद्ध निकास पर भी अपने सुझाव दिए गए।

प्रधान मंत्री ने रचनात्मक सुझावों और प्रतिक्रिया के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया और  कहा कि इस लड़ाई में सरकार की सहायता करने की उनकी प्रतिबद्धता देश की लोकतांत्रिक नींव और सहकारी संघवाद की भावना की पुष्टि करती है।

इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और देश भर के राजनीतिक दलों के नेताओं ने बातचीत में भाग लिया।

समाचार एजेंसी ए एन आई के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे।माना जा रहा है कि मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड -19  से उत्पन्न परिस्थितियों और लॉक डाउन आदि मसलों पर चर्चा करेंगे।


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