योग,च्यवनप्राश,काढ़ा व गोल्डन दूध बचायेगा कोरोना से -आयुष मंत्रालय

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Published on : 02 Apr, 20 12:04

योग,च्यवनप्राश,काढ़ा व गोल्डन दूध बचायेगा कोरोना से -आयुष मंत्रालय

उदयपुर,संपूर्ण विश्व में फ़ेले कोरोना वाइरस के संकट के बीच भारतसरकार के केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कोरोना से बचाव हेतु दिशा निर्देश जारी किए हैं।

नेशनल आयुर्वेद स्टूडेंट एंड यूथ एसोसीएशन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य संजयमाहेश्वरी ने बताया की कोरोना से बचाव हेतु केन्द्र सरकार व राज्य सरकारे भरसकप्रयास कर रही हैं व इस हेतु चिकित्सा से जुड़े विभिन्न माध्यमों व विभागों के साथसरकारे समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं , इसी दिशा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टरहर्षवर्धन ने ट्विटर पर जानकारी दी हैं कि 

उन्होंने देहली में इंडियन काउन्सिल ओफ मेडिकल रीसर्च की बैठक के बाद  पत्रकारोंको बताया कि इसमें कोवीड19  को लेकर अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में हो रहे अनुसंधानोंपर गहन चर्चा हुई। बैठक में कोरोना वायरस के खिलाफ़ लड़ाई में आयुर्वेद व अन्यभारतीय चिकित्सा पद्धतियों को भी शामिल करने पर विचार हुआ।

 

वैद्य माहेश्वरी ने बताया की  इसी क्रम में मंगलवार को केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर आम जन को आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना से बचाव हेतु अधिकृतजानकारी जारी की हैं।

 

कोविड-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने केलिए आयुर्वेद के उपाय

 

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से दुनिया भर में पूरी मानव जाति पीड़ित है।ऐसे में शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करनाशरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सभी जानते हैं किरोकथाम ही बेहतर इलाज है। हालांकि अभी तक कोविड-19 की कोई दवा नहीं बनी हैलेकिन इस समय निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा क्‍योंकि इससे हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

जीवन का विज्ञान होने के नाते आयुर्वेद स्वस्थ एवं प्रसन्‍न रहने के लिए प्रकृति केउपहारों के इस्‍तेमाल पर जोर देता है। स्‍वस्‍थ जीवन के लिए निवारक उपाय संबंधीआयुर्वेद का व्यापक ज्ञान 'दिनचर्या' और 'ऋतुचर्या' की अवधारणाओं पर आधारितहै। यह पादप आधारित विज्ञान है। अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्यसे व्‍यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकताहै। आयुर्वेद शास्‍त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है।

आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमताबढ़ाने और निवारक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के लिए निम्नलिखित दिशा निर्देशों कीसिफारिश करता है। ये आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं परआधारित हैं।

 

सामान्य उपाय

      1. पूरे दिन गर्म पानी पिएं।

      2. आयुष मंत्रालय (#योगएटहोम #स्‍टेहोम #स्‍टेसेफ) की सलाह के अनुसारप्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान का अभ्यास करें।

      3. खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के उपयोग कीसलाह दी जाती है।

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

      1. प्रतिदिन सुबह 1 चम्‍मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राशलें। मधुमेह रोगियों को शुगरफ्री च्यवनप्राश लेनाचाहिए।

      2. तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ और मुनक्‍का से बना काढ़ा/ हर्बल टीदिन में एक या दो बार लें। यदि आवश्‍यक हो तो अपने स्‍वाद के अनुसार गुड़ या ताजानींबू का रस मिलाएं।


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