उदयपुरबंषी चा कुटुंब ‘‘ नेकी की दुकान’’ संस्थान के कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बिना सुबह से लेकर रात तक लाॅक डाउन में उदयपुर में फंसे गरीब, असहाय, दिहाडी मजदूर व प्रतापनगर बाईपास से गुजरने वाले गुजरात, महाराष्ट्र से पलायन कर अपने अपने घरो की ओर जाने वाले राहगिरो को सुबह से लेकर देर रात्रि तक खाने के पैकेट, पानी की बोतल, बिस्कीट देकर उनकी सहायता कर रहे है। संस्थापक नाना लाल बया ने बताया कि शनिवार को देर रात तक 2100 खाने के पैकेट, 500 पानी की बोतल व 500 बिस्कीट के पैकेट दिये गये। प्रतापनगर बाईपास पर पलायन करने वालो के लिए नगर निगम के द्वारा पानी की भी व्यवस्था कराई गई। संस्थान के प्रभुलाल प्रजापत ने बताया कि प्रतापनगर बाईपास पर पलायन कर अपने अपने घरो पर जाने वाले राहगीरो के लिए अलग से 1000 खाने के पैकेट प्लास्टिक बाॅक्स में दिये गये वही उन्हे 500 लीटर की पानी की बोलते भी दी गई। प्रवक्ता कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि हास्पीटल में खाने के पैकेट की गाड़ी पहुंचते ही 300 से अधिक व्यक्तियों की बडी लाईन लग गई और उन्हे एक एक करके सभी को खाने के पैकेट दिये गये। शनिवार को 2100 पैकेट तैयार किए गए वे भी कम पड गये , रविवार को इसकी संख्या और बढाई जायेगी। संस्थान के संस्थापक पूर्व पार्षद नानालाल बया, प्रभुलाल प्रजापत, राकेष कुमार बया, एडवोकेट प्रवीण खण्डेलवाल, दिनेष, कृष्णकांत कुमावत, सुरेष रावत, नरेष वैष्णव , ललित तलेसरा, नारायण प्रजापत, मुकेष माली, दिनेष जणवा, राजू डांगी, नवीन, सुभाष कोठारी, मनीष बापना, महेन्द्र दोषी सहित कार्यकर्ता दिन रात इस कार्य में अपनी सेवाए दे रहे है।
बया ने बताया कि फोन पर सूचना आई कि फतहसागर की पाल पर बने सुलभ काॅॅम्पलेक्स मंें एक विकलांग व्यक्ति है और वह चल भी नही पाता और उसके खाने पीने की कोई व्यवस्था नही है इस पर पिछले दो दिनो से सुबह व शाम को बिना किसी फोन के उसके यहा खाना पहुंचाया जा रहा है। बया ने बताया कि संस्थान के कार्यकर्ता दिन पर भर फोन पर आने वाली काॅल के यहा खाना पहुंचा रहे है।