बालमुकुन्द फागोत्सव की देर रात तक धूम

( 24365 बार पढ़ी गयी)
Published on : 16 Mar, 20 05:03

शहर के किशनपोल तेलीवाड़ा स्थित बालमुकुन्द चौक पर रंग पंचमी पर फागोत्सव मनाया

बालमुकुन्द फागोत्सव की देर रात तक धूम

शहर के बालमुकुन्द चौक, बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज द्वारा शनिवार को देर रात तक फागोत्सव के पावन अवसर पर भव्य फागोत्सव का आयोजन किया गया । जिसमें शहर के सभी धर्मानुरागी भक्तों ने भाग लिया व फाग भजनों का भरपुर आनंद लिया ।
पण्डाल में जैसे ही श्री बालमुकुन्दजी भगवान की पदरावनी हुई तो सभी भक्तजन भाव विभोर हो गये । ढ़ोल नगारें, पुष्प वर्षा, शंखनाद व जयकारों के साथ युवाओं भगवान की पदरावनी की गई । इसके पश्चात दीप प्रज्वलन, गणेश वंदना अरे सुमिरन करु पहले गजानन्द को सुमिरन करु के साथ फागोत्सव का प्रारंभ किया गया ।
इसके साथ ही बालमुकुन्द गणेश मण्डल द्वारा श्री राधावल्लभ मण्डल का स्वागत, वंदन एवं अभिनंदन के साथ ही फाग के भजनों की शुरुआत की गई । मारों खो गयो नवलखा हार ओ रसिया होरी में, रंग भरी रंग भरी रंग सु भरी, होरी आई होरी आई रंग सु भरी’’, आज बिरज में होरी रे रसिया, होरी के रसिया, तेरे नैनो में मारी पिचकारी, होरी खेलने आए बालमुकुन्द, भरोसा आपका गुरुदेव संभालों ना करो देरी, साथ अगर गुरुवर का हो तो नाम और इज्जत क्या मांगे, होरी खेले नन्दलाला बिरज में नन्दलाला, राधे श्याम सपनों में आये, बालमुकुन्द तेरा ऐसान होगा तेरा ऐसान होगा, दिगम्बर खेले मसाने मे होरी आदि भजनों के साथ सुंदर प्रस्तुति दी जिसमें भक्तों ने देर रात तक फाग भजनों का बालमुकुन्दजी के सानिध्य में भरपुर आनंद लिया एवं भक्तों ने अपने जीवन को भगवान की होरी से रंग डाला ।
बालमुकुन्द फागोत्सव में उड़ा 150 किलो पुष्प, अबीर व 100 किलो गुलाल इत्र
फागोत्सव के अवसर पर बालमुकुन्द चौक पर बालमुकुन्दजी के साथ भक्तों ने होली खेली । इस दौरान 150 किलो पुष्प, 100 किलो गुलाल, इत्र एवं होरी भजनों द्वारा बालमुकुन्दजी भगवान को रिझाया गया । फागोत्सव में पुरुष, महिलाएं, युवा एवं बच्चों ने बड़े ही जोश के साथ भरपुर आनंद प्राप्त लिया । जिसमें भजनों पर उपस्थित लोग भी भक्ति में मगन होकर जमकर नृत्य किया। इस मौके पर बालमुकुन्दजी का विशेष श्रंगार किया गया, जो भक्तों के बीच आकर्षण का केन्द्र रहा। गुलाब के फूल की पत्तियों के रंग, श्रद्धा के साथ खुशबु से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। भक्तजन पुरूष, महिला, बालक व बालिकायें मीठे-मीठे भजनों में इतना रम गये कि भक्तजन अपने आप को रोक नहीं सके और श्रद्धा के साथ नाचने लग गये। हर भक्त ने बालमुकुन्द के दरबार में गुलाब के फूलों की पतियों के साथ होली खेलते हुये भजनों में रम कर नाच कर श्री बालमुकुन्द के इस होली फागोत्सव का आनन्द के साथ धर्म का लाभ लिया। कार्यक्रम में मौजूद लोग भजनों व गीतों पर जमकर थिरके। उन्होंने बताया यहां आकर ऐसा लगा जैसे गोकुल वंृदावन में बैठे हों।
फाग भजनों के पश्चात देर रात 12.15 बजे भगवानश्री को ‘‘ऐ तमे जमवा पधारो मारा लाल’’ भोग लगाया गया एवं भोग के पश्चात भगवानश्री की आरती की गई । आरती के पश्चात् प्रसाद वितरण के साथ ही फागोत्सव का समापन किया ।
फागोत्सव में इस वर्ष बालमुकुन्द मण्डल द्वारा ‘‘कान्हो बैठो कदम केरी डालिया रे अरे यो तो बंसी बजावे रे दे तालिय रे’’ की झांकी तैयार की गई जिसमें कदम के पेड़ पर भगवान श्री बालमुकुन्द झुला झुलते नज़र आ रहे थे । होरी रसिक भगवान के इस रुप की झांकी देखकर भाव विभोर हो गये ।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.